मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद विदेशी मेहमान भी चखेंगे, दुबई भेजने की तैयारी में जुटे व्यापारी
मुजफ्फरपुर के किसानों को इस बार बेहतर लीची पैदावार उम्मीद है. जिले के बड़े किसानों के संपर्क में दूसरे प्रदेश के लीची व्यापारी और कंपनियां हैं. उन्होंने इन बगानों में पहुंचकर लीची का जायजा भी ले लिया है. कांटी के व्यापारी शाही लीची को दुबई भेजने की तैयारी में जुट गये हैं.
मुजफ्फरपुर: पिछले दो सालों से कोरोना की भेंट चढ़ चुके मुजफ्फरपुर का शाही लीची इस बार दुबई समेत कई विदेशी मुल्कों के लोग इसका स्वाद चख सकेंगे. लीची उत्पादन के मामले में मुजफ्फरपुर देश भर में अव्वल है. मुजफ्फरपुर के शाही लीची की पहचान विदेशों में भी हैं. यहां के शाही लीची को जीआइ टैग मिला है.
मुजफ्फरपुर के किसानों को इस बार बेहतर लीची पैदावार
मुजफ्फरपुर के किसानों को इस बार बेहतर लीची पैदावार उम्मीद है. जिले के बड़े किसानों के संपर्क में दूसरे प्रदेश के लीची व्यापारी और कंपनियां हैं. उन्होंने इन बगानों में पहुंचकर लीची का जायजा भी ले लिया है. दक्षिण भारत के व्यापारी भी रविवार तक झपहां और रोहुआ पहुंच कर जायजा लिया हैं. व्यापारियों ने किसानों से संपर्क साधकर लीची के लिए किसानों को एडवांस भी दे दिया है.
शाही लीची को दुबई भेजने की तैयारी
कांटी के व्यापारी शाही लीची को दुबई भेजने की तैयारी में जुट गये हैं. शाही लीची को दो से चार केजी का विशेष पैकेट तैयार कर पटना भेजा जाएगा. वहां से विमान के द्वारा दुबई समेत गल्फ कंट्री भेजी जायेगी. इसके लिए उन्होंने एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का लाइसेंस भी ले लिया है. बता दें कि कोरोना से पहले भी कुछ किसानों ने यहां के शाही लीची को विदेश भेजा था. लेकिन दो सालों से यहां के किसान को बड़ा घाटा लगा था.
मुजफ्फरपुर जंक्शन से मुंबई तक प्रतिदिन भेजी जाएगी लीची
वैसे इस बार लीची के पेड़ पर मंजर लगने के साथ ही व्यापारियों का जिले में आना जाना शुरू हो गया था. यहां के लीची में 15 दिन बाद लाली आने लगेगी. इस साल के सीजन में काठमांडू, अहमदाबाद, हैदराबाद, लखनऊ, के व्यापारियों के आने की उम्मीद है. इसे लेकर बगीचा मालिक से संपर्क कर रहे है.
इस बार रेल द्वारा भी यहां की लीची को साउथ से अलावा अन्य इलाकों में भेजने की तैयारी चल रही है. इसमें 15 मई से 15 जून तक मुजफ्फरपुर जंक्शन से मुंबई जाने के लिए पवन ट्रेन में प्रतिदिन 24 टन क्षमता वाली दो पार्सल और एक एसएलआर बोगी रिजर्व कराने की बात कही है. सहायक निदेशक उद्यान ने बताया कि रेलवे से इसकी अनुमति मिल जाएगी.
नोएडा की सुपर प्लम कंपनी ने की बड़ी डील
पिछले सप्ताह नोएडा की सुपर प्लम कंपनी के अधिकारियों ने मुरौल, मुशहरी और कांटी प्रखंड में बागों का निरीक्षण किया था. बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि इस बार बेहतर पैदावार की संभावना है. नोएडा की कंपनी के अधिकारी लीची के बागों को देखकर जा चुके हैं. संभावना जताई जा रही है कि किसानों के साथ करीब 150 सौ टन लीची खरीदने के लिए मई के प्रथम सप्ताह में एग्रीमेंट कर सकते हैं.
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बता दें कि बिहार में कुल 32 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती होती है, जिसमें अकेले मुजफ्फरपुर में 12 हजार हेक्टेयर में लीची के बाग हैं. यहां की शाही लीची दुनिया भर में मशहूर है.