कटिहार:Bihar News: तीन प्रमुख नदियों से घिरी बिहार का कटिहार जिले के ऊपर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.  225 किलोमीटर लंबे तटबंध से घिरे भीतरी इलाके में तेजी से कटाव हो रहा है. महानंदा नदी में उफान कम होने के बाद आस पास के कई गांव पानी की तेज धारा से तेजी कटाव हो रहा है. हालाकि महानंदा नदी का जलस्तर अब खतरे के निशान से नीचे होता जा रहा है. कटाव के कारण आस पास के नदी के किनारे बसे अमदाबाद-प्राणपुर और आजमनगर प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों के लोग दहशत में जी  रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

घटते-बढ़ते जलस्तर के कारण कटा
जिला प्रशासन ने बाढ़ और कटाव पर राज्य सरकार की आदेश को पालन करने की बात कही है. प्रशासन की तरफ से 70 हजार पॉलिथीन सीट का भंडारण किया गया है.  बता दें कि कटिहार जिला हर बार बारिश के मौसम में नदियों के घटते-बढ़ते जलस्तर के कारण कटाव समस्या से जूझता है. बाढ़ नियंत्रण विभाग हर बार विभाग को प्रोजेक्ट्स तैयार करके भेजती है. जिसके बाद उसी के अनुसार बचाव कार्य किए जाने का दावा किया जा रहा है.


 ऊंची जगहों को किया गया चिन्हित
अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास अभी लगभग 70 हजार पॉलिथीन सीट है. इसके अतिरिक्त बाढ़ क्षेत्र में जितने भी राहत शिविर होते हैं. उसके लिए ऊंची जगह पर उनको चिन्हित कर लिया गया है. साथ ही वहां पर पेयजल शौचालय की व्यवस्था बिजली की व्यवस्था कर ली गई है. सरकारी या प्राइवेट सभी तरह के नावों को चिन्हित कर लिया गया है.


ये भी पढ़ें- बेगूसराय में बढ़ते अपराध को लेकर आप कार्यकर्ताओं ने दिया धरना


लोगों के मन में डर
हालांकि इस बीच अमदाबाद के बेलगच्छी गांव में महागंदा का जलस्तर लगातार बढ़ और घट रहा है. हालांकि जलस्तर में अभी कुछ हद तक कमी दर्ज की गई है. जिसके कारण नदी की धार काफी तेज हो गई है. तेज धार के चलते कटाव भी काफी तेजी से हो रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि फिलहाल पानी तो कम है लेकिन कटाव को रोकने के लिए महानंदा विभाग कुछ नहीं कर रहा. ग्रामीणों का कहना है कि कटाव को रोकने के लिए बम्बू रोलिंग का काम हुआ था. लेकिन अब वो रोलिंग नदी में समा चुका है. लोग विस्थापित होने के डर से नदी के बांध पर सहारा लिए हुए हैं. लेकिन अब तक प्रशासन की तरफ से उन्हे कोई मुआवजा नहीं मिला है. कटाव के डर से लोगो के बीच दहशत का माहौल है.