Ranchi: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं. वो दुनिया के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों ट्रॉफी (टी20 वर्ल्ड कप, वर्ल्ड कप, और चैंपियंस ट्रॉफी) जीती हैं. इसके अलावा वो भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में से एक रहे हैं. उन्ही की कप्तानी में  भारत 2009 में टेस्‍ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचा था. हालांकि उन्हें भी अपने करियर में कई बार बुरे दौर से गुजरना पड़ा है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जब धोनी को भी हुई थी निराशा 


भारतीय टीम ने 2011 – 2012 में विदेशी सरजमीं पर खेले गए 8 में से 8 मैच गंवा दिए थे. भारत का खराब दौर इंग्‍लैंड के हाथों 0-4 से मिली हार के साथ शुरू हुआ था. इसके बाद टीम इंडिया को ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ भी सभी चारों टेस्‍ट मैचों में हार का सामना करना पड़ा था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा टेस्ट मैच हारने के बाद उन्होंने खुद को ही हार का जिम्मेदार बताया था. उन्होंने कहा था कि वो टीम के कप्तान हैं, इस वजह से वो इस हार के सबसे बड़े दोषी हैं. 


उन्होंने कहा था, 'इस हार के लिए मुझे दोष देने की जरूरत है. मैं इस टीम का कप्तान हूं और मैं खुद को दोषी देता हूं. मैं इसका जिम्मेदार हूं.' बता दें कि टेस्‍ट सीरीज गंवाने के बाद भारतीय टीम इंग्‍लैंड दौरे पर वनडे और टी20 सीरीज भी हार गई थी. इस दौरे पर टीम एक भी मैच नहीं जीत पाई थी. धोनी को इंग्‍लैंड के खिलाफ 2014 में एक और सीरीज हार झेलनी पड़ी है. 


गौरतलब है टीम इंडिया के वर्ल्ड कप से बाहर होने के बाद धोनी भी अपने घर रांची वापस आ गए हैं. वो इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया से मेंटर के रूप जुड़े थे.