Year Ender 2021: कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Pandemic) के दौर से गुजर रहे वर्ष 2021 का भी अब कुछ ही दिनों में समापन होने वाला है. लेकिन, इस वर्ष की भी कई ऐसी यादें हैं जो आसानी से भुलाई नहीं जा सकेंगी. वर्ष 2021 भी कोविड और उससे जुड़ी चुनौतियों का रहा है. इस महामारी ने एजुकेशन सिस्टम, परीक्षाओं और नौकरियों पर भी बुरा असर डाला है.


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कोरोना के कारण बिहार में बंद हुए स्कूल अब पूरी तरह से खुल चुके हैं. लेकिन अब भी कई निजी स्कूलों (Private Schools) में ताले लटके हुए हैं. ऐसे में यहां शिक्षक (Teachers) और कर्मचारी (Staff) बेरोजगार हो गए हैं. 


कोरोना ने बिहार के सैकड़ों निजी स्कूलों में लटका दिया ताला
बता दें कि बिहार में नवंबर माह में नेशनल एचीवमेंट सर्वे 2021 की लिखित परीक्षा होनी थी. राज्य सरकार के साथ मिलकर इस बार CBSE द्वारा यह सर्वे करवाया जा रहा था. बिहार में इस सर्वे के लिए 5727 स्कूलों का चयन किया गया था. जिसमें लगभग 2000 प्राइवेट स्कूल शामिल थे. लेकिन जब संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने स्कूलों से संपर्क किया तो पता चला कि 348 प्राइवेट स्कूल बंद हो चुके हैं. यह सिर्फ उन स्कूलों का आंकड़ा है, जहां नेशनल एचीवमेंट सर्वे होने थे. जबकि राज्य भर में बंद होने वाले निजी स्कूलों की संख्या इससे अधिक है.


कोरोना की दूसरी स्टेज में फिर से बंद करने पड़े स्कूल 
जब कोरोना के पहले स्टेज पर थोड़ा लगाम लगा तो एक वर्ष से बंद प्राइवेट स्कूलों को संचालकों ने फिर से खोला. कई संचालकों को तो स्कूलों को फिर से खोलने के लिए कर्ज भी लेना पड़ा. लेकिन एक महीने भी स्कूल नहीं चल सका और कोरोना की दूसरी स्टेज शुरू हो गई. इस कारण स्कूलों में फिर ताला लगाना पड़ा. 


किराये के भवन में संचालित होते हैं कई निजी स्कूल 
कई निजी स्कूल किराये के भवन (Rental Building) में संचालित होते हैं. स्कूल संचालक बच्चों से फीस लेकर ही टीचर्स, स्टाफ सहित स्कूल का किराया, बिजली बिल, सिक्योरिटी गार्ड आदि का भुगतान हर माह करते हैं. निजी विद्यालय के संचालकों ने कहा कि लॉकडाउन पीरियड में भी स्कूल पूरी तरह बंद रहा. इसके बाद भी बिजली बिल भी भरनी पड़ी. 


स्कूल बंद रहने से संचालकों की आमदनी भी हुई बंद 
स्कूल बंद रहने से संचालकों की आमदनी भी बंद हो गई. ऐसे में स्कूल संचालक मकान मालिक को भवन का किराया (Rent) नहीं दे पाए. डेढ़ वर्ष का बकाया किराया के एवज में कई स्कूल भवन के मालिकों ने स्कूल के डेस्क, बेंच, टेबल, कुर्सी आदि को जब्त कर लिया. वहीं मकान मालिकों ने स्कूलों में अपना ताला भी जड़ दिया. 


लंबे समय तक खड़े रहने के कारण स्कूल के वाहनों में भी आई खराबी 
स्कूल के संचालकों ने बताया कि स्कूल के वाहन (Vehicle) के लंबे समय से खड़े रहने के कारण इसके इंजन में खराबी आ चुकी है. वाहन खड़े रहने के कारण इसके टायर भी खराब हो गए. ऐसे में उन्हें अतिरिक्त खर्च की मार भी झेलनी पड़ी. 


कई स्कूल संचालकों को बदलना पड़ा व्यवसाय 
कोविड महामारी के कारण चौपट स्कूल के व्यवसाय का भविष्य जब स्कूल संचालकों को अंधकारमय दिखने लगा तब उन्होंने दूसरे व्यवसाय (Business) की ओर रुख किया. कई स्कूल संचालक अपना कारोबार बदल चुके हैं. किसी ने फर्नीचर उद्योग की तरफ रुख कर लिया तो किसी ने किराना दुकान की राह पकड़ ली. कई स्कूल संचालक पोल्ट्री फार्म और गाय पालन के व्यवसाय में आ चुके हैं.