International Yoga Day: योग से मिला हौसला तो हरा दिया `त्वचा रोग`, जानें योग प्रक्रिया
International Yoga Day: योग हमारी जिंदगी के कई मायनों में अपना एक अलग ही स्थान रखता है, चाहे फिर वो रोगों से मुक्त होने के लिए हो या फिर सुगम व स्वस्थ्य जिंदगी कायापन करना हो.
पटनाः International Yoga Day: योग हमारी जिंदगी के कई मायनों में अपना एक अलग ही स्थान रखता है, चाहे फिर वो रोगों से मुक्त होने के लिए हो या फिर सुगम व स्वस्थ्य जिंदगी कायापन करना हो. कई शोध से पता भी चलता है कि जहां दवाइयां अपना असर दिखाने में नाकाम रही हैं वहां योग ने अपना जादू दिखाया है. ठीक एक ऐसा ही जीता जागता उदाहरण है बिहार के नवादा जिला निवासी प्रीति कुमारी का जिन्होंने योग के माध्यम से ल्यूकोडर्मा (त्वचा रोग) को मात दी है.
योग से ठीक किया ल्यूकोडर्मा
प्रीति बताती है कि कालेज में पढ़ाई के दौरान ल्यूकोडर्मा बीमारी की जगकड़ में आ गई थी. जब शरीर के 80 से 90 प्रतिशत सफेद दाग हो गए थे. कई बड़े एमबीबीएस डॉक्टरों से इलाज करवाया, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ. एक दिन अखबार में योग के बारे में पढ़ा और उस दिन से रोजाना नियम अनुसार त्वचा रोग से संबंधित षट्कर्म, आसन,प्राणायाम,ध्यान आदि योगाभ्यास करना शुरू कर दिया. रोजाना नियमित रूप से अभ्यास करने से शरीर की त्वचा में कुछ सुधार होने लगा. त्वचा पहले के मुकाबले काफी ठीक होती चली गई, अब इस बीमारी को योग से पूरी तरह ठीक कर लिया है. साथ ही उन्होंने बताया कि एक लड़की को त्वचा रोग होता है तो उससे कितनी परेशानियों का समाना करना पड़ता है मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता. भविष्य में त्वचा रोग से पीड़ित लड़कियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए नित्यम योग सेंटर में रोजाना योग के माध्यम से अन्य लोगों को भी त्वचा रोग को ठीक करने के योग क्रियाएं समझा रही हूं. इस प्रकिया को अपनाकर कई लोग भी ठीक हो गए है.
ल्यूकोडर्मा के लक्ष्ण और कारण
प्रीति बताती है कि ल्यूकोडर्मा (त्वचा रोग) का मुख्य संकेत व लक्षण स्किन पर मिल्की व्हाइट पैचेस होते हैं. इसके अलावा भी कुछ लक्षण नजर आते हैं. जैसे बालों का समय से पहले सफेद होना, श्लेष्मा झिल्ली में कलर लॉस होना,रेटिना के रंग में बदलाव आदि है. हालांकि ल्यूकोडर्मा शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, पिग्मेंटेशन आमतौर पर शरीर के सन एक्सपोजर एरिया पर होता है. साथ ही उन्होंने कहा कि ल्यूकोडर्मा का सटीक कारण अभी भी अज्ञात है. हालांकि, यह वायरस के संक्रमण, पारिवारिक इतिहास, तनाव या किसी भी ऑटोइम्यून विकार के कारण हो सकता है.
शरीर पर कैसे होते है ल्यूकोडर्मा (सफेद दाग)
प्रीति ने बताया कि एक-दूसरे के विपरीत खाद्य पदार्थों का सेवन साथ में करने से सफेद गाद का खतरा होता है. जैसे दूध के साथ खट्टे पदार्थ, दूध के साथ मछली, शहद और घी समान मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए. इस रोग के पीछे बड़ी वजह तनाव भी है. सफेद दाग बीमारी कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है लेकिन लोगों की सुंदरता को जरूर खराब कर सकती है.
रोग को दूर करने के लिए कौन-सा करें योग
प्रीति ने बताया कि त्वचा रोग से पीड़ित लोग रोजाना षट्कर्म में कपालभाति, जल नेती, सूत्र नेति, कुंजल नेति, आसन में वृक्ष आसन, गोमुखासन, विपरीत करनी, सर्वांगासना आदि क्रिया के अलावा प्राणायाम में अलोम विलोम ,भ्रामरी, ओम का उच्चारण, ध्यान मंत्र मेजिटेश, च्रका मेजिटेशन को करके त्वचा रोग को ठीक कर सकते है.
क्या खाएं और क्या नहीं
प्रीति बताती है त्वचा रोग से पीड़ित लोग साबुत अनाज, फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, अदरक, अजवाइन, दालें, करेले का जूस, बीज, नट्स का अधिक सेवन करें। त्वचा रोग पीड़ित अल्कोहल, सिगरेट, डेयरी प्रॉडक्ट्स, जंक फूड, ट्रांस फैट फूड्स, रेड मीट, ग्लूटेन आहार और खट्टी चीजें ना खाएं.
तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीएं
उन्होंने बताया कि दिनभर में कम से कम आठ से नौ गिलास तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी जरूर पीएं. इससे स्किन में नमी बनी रहती है और वो हाइड्रेट रहती है.
जैतून और नारियल तेल से मालिश
प्रीति का कहना है कि एक कप जैतून के तेल में कुछ बूदें कंदुला और आर्गेनिक ऑयल की मिक्स करके मसाज करने से भी फायदा होगा.
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