Rajasthan Politics:राजस्थान के पूर्व CM अशोक गहलोत ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जनहितकारी योजनाओं को बंद कर सरकार किससे बदला लेना चाह रही है विपक्ष से या जनता से?
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Rajasthan Politics: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने दो दिवसीय दौरे पर अपने गृह जिले जोधपुर पहुंचे. जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से उनका स्वागत किया गया. इस अवसर पर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए प्रदेश की भजनलाल सरकार पर विभिन्न मुद्दों पर हमला बोला.
भजनलाल सरकार द्वारा अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों को बंद करने पर उन्होंने कहा,'' अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को शुरू करना एक नवाचार था जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी अंग्रेजी बोलने में सक्षम होने लगे थे. मेरा खुद का अनुभव है कि दूर दराज के बच्चे अंग्रेजी बोलने में समर्थ थे और वे भविष्य में राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर पाते. उसे भजनलाल सरकार ने रिव्यू में डाल दिया.''
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस सरकार में बांटे गए पट्टों के रिव्यू को लेकर कहा कि हमने अभियान चलाकर दस से बारह लाख लोगों को पट्टे बांट थे लेकिन उसे भी अब रिव्यू में डाल दिया गया है. उन लोगों का क्या होगा जिन्होंने मकान बनाना शुरू कर दिया और अपनी जमा पूंजी को लगा दिया था.
ERCP के समझौते को लेकर उन्होंने कहा कि ERCP में बड़े नाटक किए गए जबकि दो राज्यों बीच के समझौते का सार्वजनिक नहीं किया गया है. समझौता राज्य की जनता के हित में है या नहीं यह जानने का अधिकार प्रदेशवासियों को है.
उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा चिकित्सा एवं जनहित योजनाओं को सरकार के 1 वर्ष पूरा होने के बाद अभी तक रिव्यू ही किया जा रहा है. ऐसा पहली बार हो रहा है जब सरकार के एक वर्ष पूरा होने के बाद भी इस तरह का माहौल दिखाई दे रहा है. सरकार का रूख देखते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी अब बैठक कर निर्णय लिया है कि सरकार के व्यवहार को देखते हुए जगह-जगह आंदोलन करेंगे.
पूर्व CM गहलोत ने कहा कि जनहितकारी योजनाओं को बंद कर सरकार किससे बदला लेना चाह रही है विपक्ष से या फिर जनता से?
सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के मामले में गहलोत ने कहा कि सरकार को पूछना चाहिए कि उन्होंने SI भर्ती में चयनितों को जिलों में क्यों भेजा? पूरे देश में 70 जगहों पर पेपर लीक हुए. पेपरलीक कैसे बंद किया जाए उस पर सरकार को विचार करना चाहिए. किसी भी भर्ती पेपरलीक में न्यायोचित कारवाई करनी चाहिए. इस मामले को लम्बित नहीं किया जाना चाहिए. सरकार इस मामले को लेकर जानबूझकर लम्बा कर रही है ताकि माहौल बिगड़ा रहे.
जिले रद्द करने पर बोलते हुए गहलोत ने कहा कि राजस्थान में अभी ओर जिले बनने की संभावना है. जब मध्यप्रदेश जैसे छोटे राज्य में 53 जिले हो सकते हैं तो राजस्थान में क्यों नहीं? जिले समाप्त करने की बजाय जिले बढ़ाने चाहिए ना कि कम करने चाहिए.