सौरभ शुक्ला/रांचीः झारखंड में अब बीजेपी के अंदर घमासान की सुगबुगाहट हो रही है. रघुवर सरकार के मंत्री सरयू राय अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे हैं. यहीं, नहीं अब वह इस्तीफे की पेशकश भी कर रहे हैं. जिसके लिए वह दिल्ली गए थे, लेकिन उनकी मुलाकात राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से नहीं हो पाई. और वह वापस रांची लौट आए हैं. सरयू राय पूरे प्रकरण में अपने केंद्रीय नेतृत्व का हस्तक्षेप चाहते हैं.


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वहीं, माना जा रहा है कि सरयू राय फरवरी के अंत तक कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं, इसके भी संकेत मिल रहे हैं. हालांकि उससे पहले एक बार फिर अपने राष्ट्रीय नेतृत्व का दखल चाहते हैं. दूसरी तरफ सरयू के अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने पर विपक्ष रघुवर सरकार पर हमलावर हो गया है. तो वहीं, पार्टी नेता सरकार के बचाव में आ गए हैं.


रघुवर सरकार के मंत्री सरयू राय अपनी ही सरकार के कार्यशैली पर सवाल उठा कर सरकार पर हमलावर हो रहे हैं. शिकायत पत्र और इस्तीफे की पेशकश लेकर दिल्ली भी गए.  लेकिन मंत्री सरयू राय दिल्ली में अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नाम पत्र छोड़ आये हैं.


उन्होंने पत्र में रघुवर दास को लेकर लिखा है जिसमें मख्यमंत्री की कार्यशैली पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि प्राथमिकताओं में बदलाव सम्भव नहीं और उनके अनुरूप मेरा ढलना सम्भव नहीं. रोज रोज के खटपट, विवाद और शर्मिंदगी से छुटकारा के लिए खुद मंत्रिपरिषद से अलग हो जाऊं.


सरयू के उफान ने सूबे की सियासत में विपक्ष को रघुवर सरकार पर हमलावर होने का मौका दे दिया है. जेएमएम और कांग्रेस पूरी तरह से हमलावर है. जेएमएम ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के संरक्षण का आरोप रघुवर सरकार पर लगाया तो कांग्रेस ने मंत्री मंडल में बने रहने और सिस्टम पर सवाल उठाने पर सरयू राय और मुख्यमन्त्री दोनों को घेरा.


हालांकि अपने ही मंत्री के रघुवर सरकार को कटघरे में खड़े करने का मामला बीजेपी नेताओं के हलक से नीचे उतर नहीं रहा, बीजेपी के प्रदेश स्तर के नेता पूरी तरह से सरकार के बचाव में आ गए हैं. पार्टी और सरकार में किसी तरह के अंदरूनी कलह से साफ इंकार करते हैं. तो, मंत्री सरयू राय के पूरे प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे हैं.