Satyendar Jain bail: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को दिल्ली शराब नीति केस में जमानत दे दी है. सत्येंद्र जैन लंबे समय से इस मामले में फंसे हुए थे और उन्हें कोर्ट से राहत मिलने का इंतजार था. कोर्ट के फैसले के बाद जैन को कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई, जिससे उन्हें राहत की सांस मिली है.
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Satyendar Jain bail: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन को आखिरकार राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई है. शुक्रवार को अदालत ने उन्हें यह राहत दी. गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन को साल 2022 में दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
सत्येंद्र जैन को जमानत
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सत्येंद्र जैन को शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दी है. सत्येंद्र जैन को साल 2022 में दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने जमानत देते वक्त कहा कि ट्रायल जल्द पूरी होने की कोई संभावना नहीं है, इसलिए जमानत दी गई है. सत्येंद्र जैन काफी लंबे समय से जेल में बंद थे.
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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी
सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी से पहले दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल में उनकी अहम भूमिका थी, लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के कारण उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था. वहीं, जमानत देते समय राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि इस मामले में ट्रायल के जल्द पूरी होने की कोई संभावना नहीं है, इसलिए उन्हें जमानत दी जा रही है. कोर्ट के इस फैसले से सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि वे लंबे समय से जेल में बंद थे और इस बीच उनकी कई जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी थीं. अदालत ने इस दौरान कहा कि कानून के तहत आरोपी को लंबी अवधि तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता, खासकर जब मुकदमा जल्द खत्म होने की संभावना न हो.
कई आप नेताओं पर कसा जा चुका है शिकंजा
आपको बता दें कि दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले में आम आदमी पार्टी के अन्य बड़े नेताओं पर भी शिकंजा कसा गया था. इनमें दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और अन्य नेता शामिल हैं. इन नेताओं पर भी मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. सत्येंद्र जैन की जमानत से आम आदमी पार्टी को निश्चित रूप से कुछ राहत मिली है, लेकिन दिल्ली आबकारी नीति का मामला अभी खत्म नहीं हुआ है.