दरभंगा: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो सांसद और एक विधायक ने बिहार से अलग मिथला राज्य (Mithila) की मांग की है. इसके लिए जनआंदोलन करने की बात भी कही गई है. तीनों नेताओं ने यह बात दरभंगा में आयोजित विद्यापति पर्व समारोह के दौरान कही. दरभंगा से सांसद गोपाल जी ठाकुर, मधुबनी से सांसद अशोक कुमार यादव और दरभंगा नगर के विधायक संजय सरावगी ने मिथिला राज्य की मांग उठाई है.


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तीनों नेताओं ने आंदोलन में अपनी भागीदारी का भी आश्वासन दिया है. मधुबनी सांसद अशोक यादव ने सरकार से भीख नहीं लड़ाई लड़कर मिथला राज्य लेने की बात कही है. तीनों जनप्रतिनिधि विद्यापति सेवा संस्थान की ओर से आयोजित 47वें विद्यापति पर्व समारोह में बोल रहे थे.


मंच पर दोनों सांसदों को मिथिला विभूति सम्मान प्रदान किया गया. इस दौरान बीजेपी सांसद सीपी ठाकुर, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, जेडीयू एमएलसी दिलीप चौधरी समेत कई लोग उपस्थित थे.


बीजेपी सांसद अशोक कुमार यादव ने कहा कि मिथिला राज्य की बात हो रही है. यह हमारी पार्टी के एजेंडे में नहीं है, लेकिन मिथिला का बेटा होने के नाते हम भी चाहते हैं कि मिथिला राज्य बने. इसके लिए आंदोलन करना होगा जो सात करोड़ लोग यहां हैं. सभी को मिलकर आंदोलन करना होगा. अकेले एक आदमी से नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जैसे भगवान राम बनवास में जाकर रावण के वध के लिये सबका सहयोग लिए थे, उसी तरह मिथिला राज्य के लिए समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलना चाहिए. अशोक यादव ने कहा कि जब हम सभी एकजुट हो जाएं तो मिथला राज्य लेकर विकास कर सकते हैं.


नगर विधायक संजय सरावगी ने कहा कि मैथिली को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग लंबे समय से उठ रही थी. एक झटके में 2003 में पूरी हो गई. बीजेपी विकास के लिए छोटे राज्यों के गठन का समर्थन करती है. मिथिला के लोगों को बिहार से अलग मिथिला राज्य के लिए आंदोलन करना पड़ेगा. वे इस आंदोलन में साथ आएंगे. उन्होंने कहा कि एक दिन मिथिला राज्य जरूर बनेगा. बस जनआंदोलन की जरूरत है.
 
दरभंगा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि मैथिली को जब संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था उस समय मैं बीजेपी का जिलाध्यक्ष बना था. जिलाध्यक्ष बनते ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अगले दिन एजेंडे के रूप में अलग मिथिला राज्य की मांग की थी. उन्होंने कहा कि भले ही अलग मिथिला राज्य बीजेपी के एजेंडे में न हो, लेकिन हम इसका समर्थन करते हैं. मिथिला के विकास के लिए उनका तन, मन और जीवन समर्पित है.