पंकज वर्मा/साहेबगंज: झारखंड में हुए अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला की आंच अब साहेबगंज भी आ पहुंची है. साहेबगंज में भी ऐसे छात्रों को चिन्हित किया गया है जिन्होंने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति का लाभ उठाया है. लेकिन उनका संबंध साहेबगंज से दूर-दूर तक नहीं है. वहीं, स्कूल प्रबंधन भी इस बात को लेकर आश्चर्यचकित है कि किस प्रकार से उनके स्कूलों या मदरसों के नाम पर फर्जीवाड़ा हुआ है.


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इस फर्जीवाड़े को लेकर जिला प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क है और कल्याण विभाग ने इस को लेकर जांच कमेटी भी बैठा दी. प्रत्येक प्रखंड में बनाई गई जांच कमेटी अब छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्रों के घर-घर जाकर इस बात की तफ्तीश करने में लगी है कि आखिर ये फर्जीवाड़ा का खेल कहां से और कब से चल रहा है. 


वहीं, इस फर्जीवाड़ा खेल को लेकर विपक्ष भी झारखंड सरकार पर निशाना साधने में लगा हुआ है. भाजपा सरकार की मंशा पर ही सवाल उठा रही है. बीजेपी कहा रही है कि अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला काफी बड़े पैमाने पर किया जाने वाला स्कैम है. इधर, जिला कल्याण विभाग ने इस मामले को लेकर अब तक 200 से अधिक संस्थानों और स्कूलों को पत्र लिखकर सूची भेजी है और छात्रवृत्ति के संबंध में जानकारियां मांगी है.


साहेबगंज के 1950 ऐसे छात्रों का पता चला है जिन्होंने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति साहेबगंज के पोर्टल से प्राप्त की है और उनका संबंध इस जिले से भी नहीं है. ऐसे में सवाल उठता हैं कि इतना बड़ा फर्जीवाड़ा आखिर किस प्रकार से चल रहा था. 


Amita Kumari, News Desk