Jharkhand Politics: भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक और मजबूत रिश्ते रहे हैं. दोनों देशों ने मिलकर कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन अब बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर तनाव बढ़ता नजर आ रहा है. हाल ही में झारखंड में चुनावी रैली के दौरान गृह मंत्री अमित शाह के बयान से बांग्लादेश की सरकार नाराज़ हो गई है. 

 


 

दरअसल अभी झारखंड में चुनावी माहौल गरम है और बीजेपी लगातार चुनावों के मद्देनजर जमीन पर काम कर रही है. गृह मंत्री अमित शाह ने बोकारो में एक रैली के दौरान बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर कड़ा बयान दिया था. उनका कहना था कि अगर बांग्लादेशी घुसपैठ को नहीं रोका गया, तो अगले 20-25 साल में ये झारखंड में बहुमत में आ सकते हैं.

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इस बयान पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि राजनीतिक नेता बांग्लादेशियों के खिलाफ आपत्तिजनक और अस्वीकार्य टिप्पणियां करने से बचें. बांग्लादेश का कहना है कि इस तरह के बयान दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान और समझ को कमजोर करते हैं.

 


 

बांग्लादेश की सीमा कई भारतीय राज्यों से लगती है, जिनमें पश्चिम बंगाल, असम और झारखंड प्रमुख हैं. घुसपैठ का मुद्दा लंबे समय से भारत की राजनीति में अहम बना हुआ है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर अमित शाह ने आरोप लगाया है कि ये पार्टियां वोट बैंक की राजनीति के चलते घुसपैठियों को बढ़ावा दे रही हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार आने पर ही इस समस्या का समाधान हो सकेगा.

 


 


 

 


झारखंड में घुसपैठ का मुद्दा एक चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है. लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या इस विवाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते प्रभावित होंगे? बांग्लादेश ने इस मामले पर पहले ही भारत सरकार से इस पर जवाब मांगा है.

 


 

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