पटना: बिहार के पटना के गर्दनीबाग स्थित बीएसइबी के क्षेत्रीय केन्द्र पर एक तरफ मैट्रिक, इंटर के दस्तावेज में सुधार के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं तो दूसरी तरफ क्षेत्रीय केन्द्र में कर्मचारी सोते नजर आ रहे हैं. डिप्टी सेक्रेटरी एम दास के ठीक बगल वाले कमरे में एक कर्मचारी गहरी नींद में सोए हैं. काफी देर तक सोते नजर आए लेकिन जब मीडिया के कैमरे में कैद हुए तो उनकी आंख खुल गई. 


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कैमरे से ये कर्मचारी मुंह चुराते नजर आए, कुछ भी बोलने से मना करते रहे. दरअसल बीएसईबी ने साल भर पहले 9 प्रमंडल में क्षेत्रीय केन्द्र बनाया था. इसी के तहत पटना में गर्दनीबाग में भी क्षेत्रीय केन्द्र बनाया गया जिसे डीएमएस यानि डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए जोड़ा गया. 


 



दावा किया गया कि इंटर और मैट्रिक वैसे अभ्यर्थी जिनके दस्तावेज में बड़े या छोटे सुधार की जरूरत होगी उन्हें पटना नहीं आना पड़ेगा. लेकिन लिंक स्लो होने या फेल होने के कारण छात्रों की समस्या का समाधान नहीं हुआ. पटना के गर्दनीबाग स्थित क्षेत्रीय केन्द्र में लिंक फेल होने या सर्वर स्लो होने की शिकायत काफी आम है. यहां बक्सर, आरा जैसे दूरदराज इलाके से भी छात्र आते हैं. 


इनकी शिकायत है कि, वो एक ही समस्या के निपटारे के लिए महीनों यहां चक्कर लगाते हैं लेकिन निपटारा नहीं होता है. नाम में परिवर्तन कराना हो, माइग्रेशन में कोई दिक्कत हो समस्या का निपटारा नहीं होता है. कई बार माइक के जरिए भी लिंक फेल होने की सूचना इस क्षेत्रीय कार्यालय से दी जाती है. ये भी कहा जाता है कि लिंक कब ठीक होगा इसकी जानकारी नहीं है.


यहां पर क्षेत्रीय उपनिदेशक का पद भी लेकिन आज वो अपनी कुर्सी पर नहीं दिखे. लिंक कब ठीक होगा, सर्वर कब काम करेगा इस पर बोलने के लिए कोई तैयार नहीं दिखा. कई कर्मचारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन बताने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ. 


बीएसइबी के पटना क्षेत्रीय केन्द्र में सैकड़ों की संख्या में छात्र आते हैं. इस उम्मीद से आते हैं कि उनकी प्रमाणपत्र में जो गड़बड़ी हुई है उसमें सुधार हो जाएगा. लेकिन इसमें कोई सुधार जल्दी होता नहीं है. लिंक फेल होने या सर्वर स्लो होने की शिकायत आम हो चली है. इसका निपटारा कब होगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है.