Lok Sabha Election 2024: बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के बाद असम कैडर के आईपीएस अधिकारी आनन्द मिश्रा का सपना भी चकनाचूर हो गया. दरअसल, बक्सर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए IPS अधिकारी आनंद मिश्रा ने VRS लेकर बीजेपी ज्वाइन की थी. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि पार्टी से उनको टिकट जरूर मिलेगा. बीजेपी ने बक्सर से केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का टिकट तो काटा लेकिन पूर्व IPS की जगह मिथिलेश तिवारी को मैदान में उतार दिया. इस तरह से आनन्द मिश्रा ने खादी नहीं मिली और खाकी भी हाथ से चली गई. इस सीट से पहले भी बिहार के एक बड़े आईपीएस अधिकारी गच्चा खा चुके हैं.  


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2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने नौकरी से वीआरएस लेकर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की सदस्यता भी ली थी. वो भी बक्सर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे. सियासी गलियारों में वह टिकट के प्रबल दावेदार बताए जा रहे थे और चारो तरफ उनके नाम की ही चर्चा थी. लेकिन सीट बंटवारे के वक्त यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई. बीजेपी ने सीट से परशुराम चतुर्वेदी को टिकट दिया था. जिसकी वजह से गुप्तेश्वर पांडे चुनाव नहीं लड़ पाए. ठीक इसी तरह से अब आनंद मिश्रा गच्चा खा गए. बीजेपी से टिकट नहीं मिलने का दर्द आनंद मिश्रा के चेहरे पर साफ देखने को मिल रहा है. 


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होली मिलन समारोह के दौरान आनंद मिश्रा ने कहा कि मेरी तो इच्छा थी कि मैं बक्सर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ूं और नरेंद्र मोदी के विजन को पूरा कर सकूं, लेकिन भाजपा की तरफ से टिकट नहीं मिल सका. इस दौरान उन्होंने इशारों-इशारों में निर्दलीय चुनाव लड़ने के भी संकेत दिए. उन्होंने कहा कि अब जनता तय करेगी कि मुझे क्या करना है. अगर पार्टी की तरफ से टिकट नहीं मिला है तो मैं निर्दलीय भी चुनाव लड़ने को तैयार हूं. मैं अपने लोगों के लिए आया था. बक्सर के लिए जो सही होगा वही करूंगा. मैं हमेशा अपने लोगों के बीच रहूंगा. यहां के लिए काम करता रहूंगा.