चक्रधर सिंह, सीवान : लोकसभा चुनाव में बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बंपर जीत मिली. 40 में से 39 सीटों पर गठबंधन के सांसद चुने गए. एनडीए की ओर से पांच विधायकों ने सांसद का चुनाव जीता. अब उनकी खाली की गई सीटों पर अनुमानत: नवंबर में उपचुनाव हो सकते हैं. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बाद विधानसभा की पांच सीटें दरौंदा, सिमरी बख्तियारपुर, नाथनगर, किशनगंज और बेलहर खाली हुईं हैं. .हालांकि चुनाव आयोग (Election Commission) ने अभी तक उपचुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है. लेकिन ऐसी संभावना है कि उपचुनाव के लिए जल्द ही घोषणा हो जाएगी. 


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उपचुनाव के ऐलान से पहले ही दावेदारी को लेकर दरौंदा सीट हॉट बन गई है. दरौंदा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए टिकट दावेदारों की पटना और दिल्ली की दौड़ तेज हो गई है. सभी दावेदार अपने आकाओं से संपर्क साध रहे हैं.


संभावित प्रत्याशियों के समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर नाम चलाने से आमजन में चर्चा जोरों पर है. चौक-चौराहों की दुकानों पर चर्चाएं तेज हो गई है. इस विधानसभा के लिए सभी राजनीतिक दलों में संभावित प्रत्याशियों की भरमार सी हो गई है. सबसे ज्यादा संभावित प्रत्याशियों की संख्या एनडीए में है. अभी तक जेडीयू और बीजेपी में आधा दर्जन से अधिक दावेदार सोशल मीडिया के माध्यम से अपने को प्रत्याशी की दौड़ में लाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं.


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बीजेपी की तरफ से कर्णजीत सिंह ऊर्फ व्यास सिंह समर्थकों के साथ जनसंपर्क में जुट गए हैं. बीजेपी कार्यकर्ताओं की टीम इनके साथ जुटी है, कर्णजीत सिंह फिलहाल युवाओं में खासे लोकप्रिय नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर इनकी फैन फॉलोइंग भी खूब है. स्थानीय बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन धर्म निभाते हुए बीजेपी ने अपनी सीवान और गोपालगंज की अपनी सीटिंग सीटें जेडीयू को सौंप दी थी, लिहाजा अब गठबंधन धर्म निभाने की बारी जेडीयू की है. जेडीयू को ये सीट बीजेपी कोटे में दे देनी चाहिए. उधर, जेडीयू की ओर से मौजूदा सीवान सांसद कविता सिंह के पति अजय सिंह की दावेदारी की चर्चा तेज है. इसके साथ ही एक-दो नाम और बीच-बीच में चर्चा में आ रहे हैं.


वहीं, आरजेडी से भी तीन चार प्रत्याशियों के नामों की खूब चर्चा हो रही है. आरजेडी नेतृत्व को भी दमदार प्रत्याशी की तलाश है. प्रदेश स्तर पर भी दरौंदा को लेकर रणनीति बनाई जा रही है, आरजेडी दरौंदा पर से एनडीए से प्रभुत्व को तोड़ना चाहती है.


दरौंदा विधानसभा के महज 9 साल के जीवन काल मे दूसरी बार उपचुनाव होने जा रहा है. 2010 में दरौंदा विधानसभा क्षेत्र बनने के बाद यहां से जेडीयू की जगमातो देवी विधानसभा पहुंची थीं, लेकिन जून 2011 में उनका निधन हो गया था. तब अक्टूबर में उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में उनकी पुत्र वधु कविता सिंह ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की. लोकसभा 2019 में चुनाव एनडीए ने सीवान से कविता सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में कविता सिंह जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंच गई. इसके बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया.