दीपक विश्वकर्मा, नालंदा: बिहार के नालंदा लोकसभा चुनाव के लिये नामांकन का पर्चा खरीदने के लिए जब बीएसपी प्रत्याशी शशि कुमार समाहरणालय पहुंचे तो अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई. शशि कुमार जमानत की राशि जमा करने के लिए एक दो और पांच रुपए का सिक्का लेकर पहुंचे थे. 


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सबसे पहले समाहरणालय के मुख्य गेट पर चार भारी भरकम झोले को देख सुरक्षा कर्मियों ने जब झोले की जांच की तो झोले के भीतर सिक्के देख हैरान रह गए. उसके बाद वो निर्वाचन शाखा पहुंचे. जहां 25000 के जमानत राशि के सिक्के गिनने में नजारत शाखा के कर्मचारियों के पसीने छूट गए.


 



सारे सिक्के गिनने में कर्मियों को 2 घंटे से अधिक का समय लग गया. सिक्का जमा करने के पीछे उनका यह तर्क था की दुकानदार से लेकर बैंक तक भारतीय मुद्रा को लेने में आनाकानी करते है. यह भारतीय मुद्रा का अपमान होता है. कई जगहों पर एक-एक का सिक्का जमा हो चुका था और आम आदमी काफी परेशान होते दिख रहे थे.


इससे परेशान होकर उन्होंने लोगो से चंदा करने का काम किया और लोगो से वैसे सिक्के को चन्दा के रूप में लिया जिसे लोग लेने से इंकार कर देते हैं. नियमानुसार भारतीय मुद्रा को लेने से सरकारी दफ्तर इंकार नही कर सकता इसलिए समाहरणालय कर्मी को मजबूरन यह सिक्का लेना पड़ा.