सिंहस्थ 2028: 5882 करोड़ रुपये की लागत से होगा भव्य आयोजन, 19 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी, जानें क्या-क्या होगा खास
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सिंहस्थ 2028: 5882 करोड़ रुपये की लागत से होगा भव्य आयोजन, 19 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी, जानें क्या-क्या होगा खास

Ujjain Simhastha 2028: मध्यप्रदेश के उज्जैन में साल  2028 में होने वाले सिंहस्थ धार्मिक आयोजन के लिए सरकार ने अभी से कमर कस ली है. मोहन सरकार ने भक्तों और पर्यटकों की सुविधाओं के लिए 5,882 करोड़ रुपयों की लागत से  19 कार्यों को करवाने की मंजूरी दी है. 

 

Ujjain Simhastha 2028 5882 crore approved for Construction

Ujjain Development Projects: मध्यप्रदेश के उज्जैन में होने वाले 2028 के सिंहस्थ मेले की तैयारियों को लेकर सरकार ने बड़ी घोषणाएं की है. दरअसल सरकार ने सिंहस्थ 2028 की सफलता के लिए अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी है. इसके तहत मोहन सरकार ने 19 कार्यों को करवाने के लिए 5,882 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.  यह मंजूरी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्री-मंडलीय समिति द्वारा दी गई. इन करोड़ों रुपयों से जल संसाधन, नगरीय प्रशासन, ऊर्जा, लोक निर्माण, संस्कृति और पुरातत्व विभाग के कार्यों को करवाया जाएगा. सिंहस्थ में साल 2028 में देश-दुनिया से लगभग 15 करोड़ लोगों के पहुंचने की आशंका जताई जा रही है.  

महत्वपूर्ण निर्माण कार्य
सरकार ने जिन बड़े कार्यों को करवाने की मंजूरी दी है. उनमें घाटों का निर्माण, कान्ह नदी का डायवर्जन और क्षिप्रा नदी में सिलारखेड़ी-सेवरखेड़ी बांध का निर्माण शामिल है. बता दें कि  29.21 किलोमीटर लंबे घाटों के निर्माण के लिए 778 करोड़ रुपये और 30.15 किलोमीटर कान्ह नदी के डायवर्जन के लिए 1,024 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है. इसके अलावा 614 करोड़ रुपये की लागत से क्षिप्रा नदी में सिलारखेड़ी-सेवरखेड़ी बांध के निर्माण की सरकार ने मंजूरी दी है. इस बांध के निर्माण से सिंहस्थ आयोजन के लिए जल की निरंतरता बनी रहेगी. 

नदी और बैराज निर्माण
मोहन सरकार ने क्षिप्रा नदी पर 14 बैराजों के निर्माण  के लिए 74 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. जबकि कान्ह नदी पर 11 बैराज 43 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित हैं. उज्जैन शहर की सीवरेज परियोजना 198 करोड़ रुपये में पूरी की जाएगी. इस परियोजना से शहर की जल निकासी बेहतर बनाई जाएगी. 

ऊर्जा से जुडे कार्य
वहीं उच्च दाब परियोजनाओं के लिए 250 करोड़ रुपयों की मंजूरी मिली है.  इन रुपयों से एक नया ईएचवी उपकेंद्र बनाया जाएगा. इसके साथ ही 16 करोड़ रुपये से उच्च दबाव स्टेशन की क्षमता में बढ़ोतरी और 29 करोड़ रुपये की लागत से 33/11 केवी केंद्र की स्थापना की जाएगी. 

सड़क और पुल निर्माण
18 करोड़ रुपये में शंकराचार्य चौराहा से दत्त अखाड़ा तक सड़क निर्माण होगा. इसके अलावा 18 करोड़ रुपये की लागत से खाक चौक से रंजीत हनुमान तक सड़क और पुल का निर्माण होगा. सिद्धवरकूट से कैलाश खोह तक 40 करोड़ रुपये में सस्पेंशन ब्रिज बनेगा. 

इंदौर-उज्जैन सड़क परियोजना
1692 करोड़ रुपये से इंदौर-उज्जैन के 4 लेन मार्ग का 6 लेन में उन्नयन किया जाएगा. साथ ही 950 करोड़ रुपये से ग्रीनफील्ड 4 लेन परियोजना पर निर्माण कार्य हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर होगा. इससे भक्तों और पर्यटकों को ट्रेवल करने में आसानी होगी. 

महाकाल लोक और अन्य विकास कार्य
महाकाल लोक कॉरिडोर में फाइबर की मूर्तियों की जगह पाषाण मूर्तियों के निर्माण के लिए 75 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है.  इसके साथ ही कुम्भ संग्रहालय और काल गणना शोध केंद्र का विकास भी सिंहस्थ की तैयारियों में शामिल है. 

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इंदौर से उज्जैन तक बनेगी नवीन मेट्रो लाइन
जानकारी के अनुसार सिंहस्थ 2028 के लिए कुल 568 कार्यों के प्रस्ताव विभिन्न विभागों से प्राप्त हुए हैं. इनकी लागत लगभग 15,567 करोड़ रुपये है.  इन कार्यों में विभागीय, सिंहस्थ मद और बीओटी के माध्यम से निर्माण शामिल होगा. वहीं दूसरी ओर इंदौर में लव-कुश चौराहे से उज्जैन तक नवीन मेट्रो लाइन बिछाए जाने का सर्वे करने का काम दिल्ली रेल मेट्रो कार्पोरेशन को सौंपा जा चुका है.

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