पटना: नगर निगम की पार्षद और स्थाई समिति की पूर्व सदस्य रही पिंकी देवी के आरोपों पर आज महिला आयोग में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान मेयर सीता साहू के बेटे शिशिर कुमार और पिंकी देवी दोनों ने अपनी-अपनी बात महिला आयोग के सामने रखी. महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणी मिश्रा की गैरहाजिरी में आज हुई सुनवाई में सबसे पहले बात रखने का मौका शिशिर कुमार को मिला.


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शिशिर कुमार ने कहा कि पिंकी देवी ने सारे आरोप हमें फंसाने के लिए लगाए हैं. शिशिर कुमार ने कहा कि, मुझे तीन दिन पहले से ही इस बात की जानकारी थी कि पिंकी देवी हमसे उलझ सकती हैं लेकिन वो आंख मारने जैसे आरोप लगाएंगी इसका अंदाजा नहीं था. शिशिर कुमार ने कहा कि, एक साल से मेरी पिंकी देवी से कोई बातचीत नहीं होती है. दो साल से इनके वार्ड के लोग इनके खिलाफ पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली का आरोप लगा रहे थे.


जब इसको लेकर कार्रवाई तो उन्होंने बदले की भावना से आरोप लगाए हैं. शिशिर कुमार ने कहा कि 20 अगस्त जिस दिन पूरी घटना हुई उस दिन इन्होंने पूर्व उपमहापौर विनय कुमार के कहने पर मेरे से उलझी हैं. दूसरी ओर पिंकी देवी ने महिला आयोग से कहा कि, 20 अगस्त के दिन निगम बोर्ड की बैठक के दौरान शिशिर कुमार पहले मुस्कराएं और फिर भद्दे इशारे किए. 


 



पिंकी देवी ने कहा कि, शिशिर कुमार किस हैसियत से निगम की बैठकों में हिस्सा लेते हैं. वो सीधे तौर से पार्षदों को हर मुद्दे पर समर्थन के निर्देश देते हैं और समर्थन नहीं देने पर फंड रोकने की धमकी देते हैं. दरअसल पूरा मामला 20 अगस्त का है जब पटना नगर निगम के निगम बोर्ड की बैठक बांकीपुर अंचल में खत्म होने वाली थी. निगम बोर्ड की बैठक खत्म होते ही पिंकी देवी शिशिर कुमार पर आंख मारने और भद्दे इशारे करने का आरोप लगाते हुए मेयर के पास पहुंच गई थीं.


इस दौरान नगर निगम की स्थाई समिति के सदस्य सतीश गुप्ता और इंद्रदीप चंद्रवंशी ने बैठ जाने को कहा. पिंकी देवी ने पूरा मामला कदमकुआं थाने में दर्ज कराया और शिशिर कुमार,इंद्रदीप चंद्रवंशी,सतीश गुप्ता पर बदसलूकी का मामला दर्ज कराया. जवाब में शिशिर कुमार ने भी कदमकुंआ थाने में केस दर्ज कराया. 22 अगस्त को महिला आयोग ने पिंकी देवी की शिकायत पर मेयर के बेटे शिशिर कुमार को समन भेजकर 11 सितंबर को पेश होने का आदेश दिया.


आज करीब 40 मिनट की सुनवाई के बाद महिला आयोग ने दोनों पक्षों को 13 सिंतबर तक साक्ष्य पेश करने का निर्देश दिया जिसके बाद अगली सुनवाई की तारीख तय की जाएगा. आरोप-प्रत्यारोप के फेर में निगम का विकास लटका है. 20 अगस्त के बाद से निगम की स्थायी समिति और बोर्ड की कोई बैठक नहीं हुई है.


 भ्रष्टाचार के आरोप हो या बदसलूकी का आरोप. इस मामले में जनता की भलाई नहीं होने वाली है. पिंकी देवी के आरोपों में कितना दम है ये महिला आयोग तय करेगा किन इन सबके चक्कर में जनता का जरूर नुकसान हुआ है.