नई दिल्ली/पटना : लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद गुरुवार शाम सात बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी पारी शुरू हुई. इसको लेकर एनडीए खेमे में उत्साह का माहौल था. लोग खुश थे. लेकिन कहते हैं न, कभी कबार ज्यादा खुश होने से नजर लग जाती है. ठीक ऐसा ही हुआ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के साथ. शाम चार बजकर 15 मिनट पर एनडीए खेमे की तस्वीर बदल गई.


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जी हां, हम ये बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एनडीए की सबसे प्रमुख सहयोगी और बिहार में साथ-साथ सरकार चला रही जेडीयू कैबिनेट में मनपसंद हिस्सेदारी नहीं मिलने से नाराज हो गई.



जेडीयू ने आनन-फानन में चार बजकर 10 मिनट पर दिल्ली के 6, कामराज लेन स्थित बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर एक अति महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई.


इस बैठक में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी, जेडीयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश सिंह, जेडीयू सांसद ललन सिंह और राष्ट्रीय महासचिव और एमएलसी संजय झा को बुलाया गया. उसके बाद आनन-फानन में तमाम बातें हुईं. एक घंटे के बाद नीतीश कुमार बाहर निकले और उन्होंने दो टूक कहा कि हमें आंशिक साझेदारी दी गई.


नीतीश कुमार ने कहा कि हम कम से कम ऐसा प्रतिनिधित्व चाहते हैं जो हमारी जवाबदेही को स्पष्ट करे. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि लगातार बैठकों का दौर चला. हमने अपनी तमाम बातों से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवगत कराया.


उन्होंने कहा कि हमने साफ तौर पर कह दिया था कि अगर हिस्सेदारी देनी है तो बेहतर तरीके से दीजिए या फिर छोड़ दीजिए. नीतीश कुमार के बयान के बाद हंगामा मच गया. इसके बाद वह नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन चले गए.