पटना : बिहार की सियासत में नंबर-तीन की जबरदस्त एंट्री हुई है. हालात ये हैं कि सियासी गलियारे में तीन नंबर की ही चर्चा है. कांग्रेस और एनडीए की रैली की तारीख तीन को ही तय की गई है. तीन फरवरी को कांग्रेस ने पटना के गांधी मैदान में राहुल गांधी की 'जनआकांक्षा रैली' तय कर रखी है. वहीं, एनडीए की रैली तीन मार्च को आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद मोदी भी शामिल होंगे. कांग्रेस की तरफ से रैली को सफल बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है.


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तीन की तारीख महज संयोग है या फिर इस तारीख के विशेष सियासी मायने हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में मंत्री नंद किशोर यादव ने इसे महज संयोग बताया है.


नंद किशोर यादव ने कहा है कि तीन मार्च को रविवार है. छुट्टी होने की वजह से लोगों को परेशानी नहीं होगी. वैसे भी विधानमंडल का सत्र खत्म होने के बाद तीन तारीख का समय रैली के लिए सही बैठता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तीन मार्च को ही अपना समय दिया है. उन्होंने कहा कि एनडीए की रैली से कांग्रेस की रैली की तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि कांग्रेस में अब कोई दम नहीं है. 


वहीं, कांग्रेस ने एनडीए की ओर से रैली की तारीख तीन मार्च का वक्त तय किये जाने पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा है कि एनडीए ने जानबूझकर तीन मार्च को अपनी रैली रखी है, लेकिन यह तारीख एनडीए पर भारी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि एनडीए में पार्टियां भी तीन हैं और रैली की तारीख भी तीन ही रखी गयी है. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी तारीख भले ही तीन हो, लेकिन हमें दस दलों का साथ है.


प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा कि एनडीए की रैली से पहले नीतीश कुमार को ये बताना चाहिए की बीजेपी को उन्होंने 'बड़का झूठा पार्टी' बताया था, उसपर उनका क्या कहना है. साथ ही ये भी बयान दिया था कि 'मिट्टी में मिल जाएंगे, लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे', बावजूद वो बीजेपी के साथ क्यों चले गये. रैली से पहले पीएम को नीतीश कुमार के डीएनए की भी जानकारी लोगों को देनी चाहिए.