बेगूसराय: बिहार में अपराधियों के हौसले अगर सबसे ज्यादा कहीं बुलंद हैं तो वह बेगूसराय का क्षेत्र है.जहां अपराध की घटनाओं में कई गुना वृद्धि हुई है. बेगूसराय पुलिस अपराध की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने में विफल रही है. वहीं आपको बता दें कि बेगूसराय पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. यहां छापेमारी करने गई पुलिस कोर्ट द्वारा जारी दर्जन भर से ज्यादा वारंट को बगीचे में फेंक कर वापस लौट गई. 


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दरअसल मुफस्सिल थाना पुलिस चांदपुरा गांव में गुरुवार की रात छापेमारी करने गई थी जहां ग्रामीणों का आरोप है कि बिना वारंटी के ही युवकों को पकड़ कर थाना लाया गया और देर रात में छोड़ दिया गया. इस दौरान पुलिस द्वारा चांदपुरा गांव के पास कोर्ट द्वारा जारी करीब दर्जनभर वारंट को फेंक दिया गया. कोर्ट के द्वारा जारी वारंट का बगीचे में फेंका हुआ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 


वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बगीचे में दर्जनभर वारंट फेंका हुआ है और स्थानीय लोग इसे देख रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर पुलिस कोर्ट द्वारा जारी वारंट के आधार पर ही किसी आरोपी की गिरफ्तारी करती है ऐसे में इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई कि वारंट रात से शुक्रवार की शाम तक फेंका हुआ है और पुलिस अब कह रही हैं कि वारंट को वापस लिया जा रहा है. 


वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस वारंटी के बदले निर्दोष लोगों को ही धरपकड़ कर थाने ले गई और बाद में छोड़ दिया. इससे लोगों में पुलिस के प्रति नाराजगी भी है. हालांकि इस मामले में मुफस्सिल थाना पुलिस ने कहा कि रात छापेमारी के दौरान धरपकड़ के बीच खदेड़ने में वारंट के कागजात गिर गए थे उसे वापस लिया जा रहा है. पुलिस कह रही है कि ग्रामीण से बातचीत कर वारंट वापस लिया जा रहा है. 


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बगीचे में वारंट के फेंके होने का किसी ने वीडियो बना लिया और यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. जबकि पुलिस इसे मानवीय गलती बता रही है और कह रही है धर पकड़ के दौरान ये वारंट यहां गिर गए होंगे. जिसे ग्रामीणों से बात कर वापस लिया जा रहा है. पुलिस की इस तरह की लापरवाही की वजह से अब वह सवालों के घेरे में है.