Dustbin Thrown In Garbage: सरकारी योजनाओं में घोटालों की जब बात होती है तो शायद बिहार का नाम सबसे ऊपर रखा जाता है. कुछ मामलों ने तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिहार की फजीहत कराई है. चारा घोटाला ने तो सूबे की सियासत की दिशा और दशा बदल कर रख दी. इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव को सजा होने के बाद भी प्रदेश में घोटालों में कोई कमी देखने को नहीं मिली है. इसी कड़ी में अब बेतिया में कथित कूड़ादान घोटाला सामने आया है. यहां नरकटियागंज नगर परिषद की ओर से 50 से 60 कूड़ेदानों को कचरे में फेंक दिया गया. 


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जानकारी के मुताबिक, एक कूड़ेदान कि कीमत करीब 50 हजार से 60 हजार के बीच है. बिहार में सरकारी संसाधनों का अक्सर अभाव देखने को मिलता है. वहीं नरकटियागंज नगर परिषद की ओर से संसाधनों की इस कदर की बर्बादी से बड़े घोटाले की बदबू आ रही है. कचरे के ढेर में इतनी ज्यादा संख्या में कूड़ेदान मिलने के बाद कहा जा रहा है कि नगर परिषद के अधिकारियों की ओर से नए कूड़ेदान का टेंडर निकालने के लिए ये षड़यंत्र किया गया है.


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जानकारी के अनुसार, शहर को स्वच्छ बनाने के लिए नगर परिषद ने 2020 में 50 से 60 लोहे के बड़े कूड़ेदान की खरीददारी की थी. इन कूड़ेदानों को शहर में रखने की बजाय कचरे में फेंककर बर्बाद कर दिया गया. अब नगर परिषद एक बार फिर से कूड़ादान का टेंडर करने वाला है. इससे पहले भी एक टेंडर निकल चुका है और उसमें खरीददारी भी हो चुकी है. वहीं मीडिया ने जब कूड़ेदान की बर्बादी की खबर चलाई तो प्रशासन हरकत में आया. 


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इस मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी आमिर सुहैल ने कहा कि इन कूड़ेदानों को मरम्मत कराके फिर से शहर में लगाया जाएगा. शहर में कहां-कहां पर डस्टबिन कि जरूरत है, उसकी रिपोर्ट मांगी गई है. वहीं शहरवासियों का कहना है कि यह नगर परिषद की लूट की एक तस्वीर है. सभी कूड़ेदानों को जानबूझकर बर्बाद कर दिया गया. जिससे फिर से टेंडर निकालना पड़े और कमीशन खाने का मौका मिले.