Begusarai Crime News: बिहार की राजनीति में हाल ही में कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता 'ठाकुर का कुआं' पर काफी गहमागहमी देखने को मिली थी. गजब तो ये है कि जिस प्रदेश में एक कविता लोगों की भावनाओं को आहत कर सकती हो, वहां की राज्य सरकार ही जातीय सर्वे करावाए और उसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताए. जातीय सर्वे के बाद प्रदेश में जातिवाद चरम पर देखने को मिल रहा है. ऐसा ही एक मामला बेगूसराय में देखने को मिला है. यहां भी एक कुएं ने दो पक्षों में बवाल करा दिया. 


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दरअसल, बेगूसराय के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मुबारकपुर में बीती रात दो पक्षों के बीच कुआं पूजन को लेकर जमकर मारपीट हुई. इस घटना में चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. जिनका इलाज सदर अस्पताल बेगूसराय में चल रहा है. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि दलित समाज के शकल देव राम के घर में शादी समारोह था. लड़की की शादी में सभी लोग विधि विधान से कुआं पूजन करने के लिए गए थे. दूसरे पक्ष की ओर से इसका विरोध किया गया. हालांकि, विरोध करने वाले लोग भी दलित समाज के हैं, लेकिन उनकी जाति दूसरी है. 


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उस वक्त तो लोगों ने मामले को समझा-बुझाकर शांत करा दिया था. लेकिन रात में महेश्वर पासवान, राजीव कुमार समेत तकरीबन 50 लोग लाठी डंडे से लैस होकर पहुंचे और शकल देव राम के घर पर हमला बोल दिया. दबंगों ने शादी समारोह में जमकर हंगमा काटा और रिश्तेदारों को भी पीटा. पीड़ित पक्ष ने बताया है कि दोनों ही पक्ष के लोग एससी एसटी समाज से आते हैं लेकिन फिर भी उन लोगों के द्वारा जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल किया जाता है और प्रताड़ित किया जाता है. फिलहाल पीड़ित पक्ष के द्वारा मुफसिल थाने में सूचना दी गई है. पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है.