Bihar Crime News: बिहार में महागठबंधन की सरकार में जंगलराज की वापसी होने के संकेत मिल रहे हैं. प्रदेश में हत्या, लूट और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में अचानक से बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. बेखौफ अपराधी पूरे प्रदेश में तांडव मचाने में जुटे हैं और सुशासन बाबू की पुलिस मजबूर नजर आ रही है. बीते दो दिनों में प्रदेश के अंदर दो बड़ी घटनाएं सामने आईं. दोनों ही घटनाओं में नाबालिग लड़की को अगवा करके उससे सामुहिक दुष्कर्म किया गया. एक घटना में तो दरिंदों ने पीड़िता की बड़ी बेरहमी से हत्या भी कर दी. जबकि दूसरी घटना में परिजनों की तलाश के कारण लड़की की जान बच गई. 


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पहली घटना मुजफ्फरपुर से है. यहां ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र से सोमवार (29 मई) की शाम को 14 साल की लड़की अचानक गायब हो गई थी. परिजनों ने पुलिस में मामला भी दर्ज कराया लेकिन सुशासन बाबू की पुलिस ने लड़की को ढूंढ़ने की जहमत नहीं उठाई. नतीजा मंगलवार (30 मई) की सुबह लड़की की लाश मिली. बेखौफ अपराधियों ने शव को थाने के ठीक सामने वाले पोखर में फेंका था. 


पुलिस ने परिजनों पर किया लाठीचार्ज


घटना के बाद परिजनों ने शव के साथ पुलिस थाने के सामने विरोध जताया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. पुलिस की लाठीचार्ज में मृतका की मौसी का सिर फूट गया, बहन का हाथ टूट गया और चाची गंभीर रूप से हो गई है. इससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया है. लोगों का कहना है कि यदि पुलिस ने इतनी ही मुस्तैदी के साथ पहले एक्शन लिया होता तो शायद बच्ची आज जिंदा होती.


दरिंदों के निशाने पर मंदिर ही क्यों?


दरिंदों ने लड़की के साथ एक मंदिर में दुष्कर्म किया था और वहीं उसकी हत्या की थी. पुलिस को मंदिर परिसर में भी कई जगह खून के धब्बे मिले. दूसरी घटना राजधानी पटना के धनरूआ थाना क्षेत्र में स्थित एक गांव की है. यहां एक 13 साल की लड़की के साथ दो लड़कों ने सामुहिक बलात्कार किया. जानकारी के मुताबिक, पीड़िता अपनी मां के साथ एक विवाह समारोह में मंदिर में गई थी. किशोरी जब मंदिर परिसर में पानी पीने गई, इसी बीच दो युवकों ने उसे जबरन अगवा कर लिया. युवती के साथ पटना-गया मुख्य सड़क के एक निर्माणाधीन पुल के नीचे सामुहिक दुष्कर्म किया गया. 


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करीब दो घंटे बाद दरिंदे उसे गांव के पास सड़क किनारे फेंक गए. इधर बेटी को नहीं देख उसकी मां खोजबीन करने लगी. परिजनों को बेटी अधमरी हालत में मिली. इस मामले में दो युवकों को नामजद किया गया है, जिनमें से एक नाबालिग बताया जा रहा है. दोनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. इस घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल है. सवाल ये उठ रहा है कि दोनों घटनाओं में मंदिर ही क्यों हैं? क्या बिहार में मंदिरों को बदनाम के लिए कोई बड़ी साजिश चल रही है?