Jharkhand News: झारखंड में ईसाई मिशनरी की साजिश बेनकाब! आदिवासी परिवार का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप
Christian missionary conspiracy exposed: जानकारी के मुताबिक, जयफल भेंगरा का बेटा जन्म से ही दिव्यांग है. ईसाई धर्म से जुड़े कुछ लोग बच्चे के लिए प्रार्थना करने के लिए पहुंचे थे. जयफल भेंगरा के बड़े भाई छोटन भेंगरा को जब इस बात का पता चला तो उसने विरोध किया. कुछ लोग तभी भाग गए, लेकिन कुछ लोग प्रार्थना करने में जुटे रहे. इस पर छोटन भेंगरा ने पुलिस प्रशासन को सूचना दे दी.
Christian missionary conspiracy exposed:झारखंड के खूंटी जिले में एक बार फिर से ईसाई मिशनरी एक्टिव होने की बातें सामने आई हैं. तोरपा विधायक कोचे मुण्डा के गांव में ही एक आदिवासी परिवार का धर्म परिवर्तन कराने की साजिश चल रही थी. हालांकि सही समय पर लोगों को इसका पता चल गया और आदिवासी परिवार का ईसाई धर्म में कंवर्जन नहीं हो सका. जानकारी के मुताबिक, तोरपा थाना अंतर्गत ममरला गांव में कुछ लोग जमा होकर एक दिव्यांग बच्चे को स्वस्थ्य करने के लिए प्रार्थना कर रहे थे.
ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी दी. मामले की जानकारी मिलने के बाद तोरपा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी कुमुद झा, थाना प्रभारी मनीष कुमार और सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर माझी ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली. उन्होंने मामले की जांच करके आवश्यक कार्रवाई करने का भरोसा दिया है. घटना की जानकारी मिलने के बाद तोरपा विधायक कोचे मुंडा भी गांव पहुंचे. उन्होंने प्रशासन से धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
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जानकारी के मुताबिक, जयफल भेंगरा का बेटा जन्म से ही दिव्यांग है. ईसाई धर्म से जुड़े कुछ लोग बच्चे के लिए प्रार्थना करने के लिए पहुंचे थे. जयफल भेंगरा के बड़े भाई छोटन भेंगरा को जब इस बात का पता चला तो उसने विरोध किया. कुछ लोग तभी भाग गए, लेकिन कुछ लोग प्रार्थना करने में जुटे रहे. इस पर छोटन भेंगरा ने पुलिस प्रशासन को सूचना दे दी. छोटन भेंगरा ने बताया कि उसका छोटा भाई जयफल भेंगरा का बच्चा दिव्यांग है. छोटा भाई दूसरे प्रदेश में मजदूरी करता है, जबकि उसकी पत्नी गांव में अकेली रहकर दिव्यांग बच्चे का पालन-पोषण कर रही है. छोटन ने बताया कि जयफल की गैरमौजूदगी में कुछ लोग उसके घर में आए और कुछ प्रार्थना कर रहे थे.
छोटन भेंगरा ने कहा कि इस गांव में सरना समाज के लोग रहते हैं और सरना समाज में इस तरह का कार्यक्रम नहीं किया जाता है. उसने कहा कि किसी भी बीमारी का इलाज चिकित्सीय पद्धति के द्वारा हो सकता है न कि किसी प्रार्थना से. गांव के कुछ अन्य लोगों ने भी बताया कि विशेष समुदाय के लोगों द्वारा बच्चे को ठीक करने के नाम पर पूरे परिवार का धर्म परिवर्तन करने की साजिश रची जा रही थी, जिसका कड़ा विरोध किया जाएगा.
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वहीं प्रार्थना करने आए अल्फ्रेंड होरो ने बताया कि बीमार बच्चे की माँ का हमारे गांव से रिश्ता है, इसलिए हम लोग बच्चे को स्वस्थ करने के लिए प्रार्थना करने आए थे. यहां सभी ने सोचा कि हम धर्म परिवर्तन करा रहे हैं. बता दें कि जयफल भेंगरा की सास (पत्नी की मां) अब ईसाई धर्म अपना चुकी है. इस घटना पर तोरपा विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि विशेष धर्म के लोग भोले-भाले सरना समाज के लोगों को बरगलाते हैं और लालच देकर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं. आज की घटना इसका जीता जागता प्रमाण है. सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए.