रांची: झारखंड के सरायकेला थाने की हिरासत में मोहन मुर्मू नामक एक नाबालिग ने अपने ही बेल्ट से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. उसे पिछले तीन दिनों से थाने के बालमित्र कक्ष में रखा गया था. मृतक के परिजनों ने मामले की जांच कराने और दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए शव लेने से इनकार कर दिया. 


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हालांकि, सरायकेला के एसपी ने इस मामले में थाना प्रभारी मनोहर कुमार को लापरवाही का आरोपी मानते हुए सस्पेंड कर दिया है. मोहन मुर्मू पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला का रहने वाला था. बताया गया कि बीते 26 अक्टूबर को सरायकेला थाना अंतर्गत गोहिरा की रहने वाली एक नाबालिग के लापता होने की शिकायत उसके परिजनों ने थाने में दर्ज कराई थी. 


इसके बाद 30 अक्टूबर को लड़की के परिजन लड़की और उसके कथित प्रेमी मोहन मुर्मू को साथ परिजन थाने लेकर पहुंचे. परिजनों ने लड़के को पुलिस को सौंप दिया, जबकि लड़की को अपने घर लेकर चले गए. लड़की के परिजनों ने लड़के के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं कराया था, लेकिन इसके बावजूद तीन दिनों से वह पुलिस हिरासत में था. 


यहां तक कि लड़के के परिजनों को कोई सूचना तक नहीं दी गई. बुधवार को सरायकेला थाना प्रभारी इलाके के एक व्यक्ति को टेलीफोन पर मोहन मुर्मू द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने की सूचना दी. इसके बाद उसके घर वालों तक इसकी जानकारी पहुंची.


मृतक के पिता ने पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त विजया जाधव को मांग पत्र सौंप कर बेटे के मौत के मामले की जांच की मांग की है. उपायुक्त ने मामले की उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन दिया है. घाटशिला मुखिया संघ व मृतक युवक के परिजनों ने कहा कि जब तक मामले की उच्च स्तरीय जांच व दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती तब तक शव को परिजन रिसीव नहीं करेंगे.


(आईएएनएस)