Bihar Hooch Tragedy: बिहार के मोतिहारी में जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा 34 के पार जा चुका है और अभी भी कई लोग अस्पतालों में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. प्रदेश में शराबबंदी कानून के बावजूद अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं. इससे पहले दिसंबर 2022 को सारण में जहरीली शराब ने सैकड़ों घरों में मातम पसार दिया था. इन घटनाओं को देखते हुए अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया है.


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NHRC ने इस मामले में बिहार के DGP और चीफ सेक्रेटरी को नोटिस भेजा है और दोनों अधिकारियों से 6 हफ्ते के भीतर नोटिस का जवाब मांगा है. आयोग ने अपने नोटिस में इस तरह की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि राज्य सरकार शराबबंदी लागू करने के बाद अवैध शराब की बिक्री खपत पर प्रतिबंद लगाने की अपनी नीति के क्रियान्वयन पर ध्यान नहीं दे रही है.


मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही


वहीं दूसरी ओर मोतिहारी में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह आंकड़ा अब 34 के ऊपर पहुंच चुका है. इससे पहले सारण जिले में भी जहरीली शराब से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. उस वक्त भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया था. इसके बाद आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सरकार ने मौत के असली आंकड़े को छिपाया है. 


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सीएम ने किया मुआवजे का ऐलान


प्रदेश में शराब के बैन होने के बावजूद जहरीली शराब से लोगों की मौत होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बढ़ गया है. जिसके कारण नीतीश कुमार ने अब मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि 2016 के बाद से जहरीली शराब पीकर मरने वालों के परिजनों को 4-4 लाख मुआवजा दिया जाएगा. इससे पहले तक नीतीश कुमार मुआवजा देने से साफ इनकार कर देते थे.