Jharkhand News: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए मोहम्मद शाहनवाज आलम को गिरफ्तार कर लिया है, जिसे शफी उज्जमा के नाम से भी जाना जाता है. यह आतंकी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल था. इस लिस्ट में उसके दो साथियों का भी नाम है. वे आईएस मॉड्यूल के भेष में पाकिस्तानी ISI प्रायोजित मॉड्यूल के समर्थन से दिल्ली में आतंकी हमलों की रच रहे थे. आतंकी शाहनवाज झारखंड का मूल निवासी है और उसके पास बी.टेक. की डिग्री है. पुलिस ने बताया कि शाहनवाज ने साल 2016 में उसने एनआईटी-नागपुर से माइनिंग में बी.टेक. किया था और एसएससी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए नवंबर 2016 में दिल्ली आया था. 


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दिल्ली में वह अबुल फजल एन्क्लेव में रहने लगा था. दिल्ली पुलिस ने बताया कि IS ऑपरेटिव शाहनवाज (31) को दिल्ली के जैतपुर से गिरफ्तार किया गया, जबकि उसके सहयोगी मोहम्मद रिजवान अशरफ (28) और मोहम्मद अरशद वारसी (29) को उत्तर प्रदेश के लखनऊ और मुरादाबाद से गिरफ्तार किया गया है. कोर्ट ने सभी को 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने आगे कहा कि स्पेशल सेल के समय पर हस्तक्षेप से दिल्ली में एक बड़ा आतंकी हमला टल गया. 


विशेष पुलिस आयुक्त (विशेष सेल), एचजीएस धालीवाल ने खुलासा किया कि विश्‍वसनीय जानकारी से संकेत मिलता है कि अपनी भूमिका को छिपाने और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा जांच से बचने की कोशिश करते हुए भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आईएसआई ने भारत-केंद्रित आईएस का मुखौटा बनाया. धालीवाल ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान स्थित और संरक्षित आतंकवादियों का उपयोग करके ऐसा किया, जो भारत से भगोड़े थे, यानी फरहतुल्ला गोरी और उसके दामाद शाहिद फैसल, जो अक्षरधाम मंदिर हमले के मामले में शामिल थे और पाकिस्तान में छिपे हुए थे.


धालीवाल ने कहा कि पाकिस्तान ISI ने इस नेटवर्क को "घरेलू" और "स्वयं कट्टरपंथी नेटवर्क" के रूप में पेश करने के लिए आपराधिक गतिविधियों (माल-ए-ग़नीमत) के जरिए धन इकट्ठा करने पर ध्यान केंद्रित किया. विश्‍वसनीय स्रोतों और तकनीकी साधनों से प्राप्त सुरागों के बाद पुलिस ने यूपी, उत्तराखंड, झारखंड और महाराष्ट्र में कनेक्शन वाले एक ऐसे मॉड्यूल की पहचान की. धालीवाल ने बताया कि इस जानकारी को विकसित करते समय दो आईएस गुर्गों, इमरान खान और यूनुस साकी को पुणे, महाराष्ट्र में पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक शाहनवाज पुलिस हिरासत से भागने में सफल रहा था. 


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जिसके बाद बाद में फरार आतंकवादी शाहनवाज और तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 3 लाख रुपये का इनाम रखा गया था. उन्होंने कहा कि विशिष्ट जानकारी से संकेत मिलता है कि शाहनवाज दिल्ली से रिजवान अली के साथ जा रहा था और वे अपने सहयोगियों के साथ, दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे. सूत्रों के मुताबिक, फरार आरोपी शाहनवाज आलम और रिजवान अली के संपर्कों और समर्थकों पर मैनुअल और तकनीकी निगरानी की गई.


धालीवाल ने कहा कि 1 अक्टूबर को विश्‍वसनीय जानकारी के आधार पर केंद्रीय खुफिया एजेंसी और संबंधित राज्य पुलिस की सहायता से तीन राज्यों (दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड) में समन्वित कई छापे मारे गए. पूछताछ के दौरान दिल्ली से गिरफ्तार किए गए मोहम्मद अरशद वारसी ने खुलासा किया कि शाहनवाज आलम उसे जानता था और शाहनवाज और अन्य के साथ दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में भागीदार था. धालीवाल ने कहा कि उन्होंने यह भी खुलासा किया कि शाहनवाज आलम ने हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक खरीदे थे और अपनी आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली में एक कमरा किराए पर लिया था.


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मौजूदा मामले में मोहम्मद रिजवान अशरफ को भी लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था. उसने खुलासा किया कि वह आईएसआईएस का सदस्य है और एक विदेशी-आधारित हैंडलर और इस मॉड्यूल के बाकी सदस्यों के संपर्क में है. उन्होंने आगे कहा कि शाहनवाज आलम और रिजवान ने उनके माध्यम से आईएस में शामिल होने की प्रतिज्ञा ली थी. इसके बाद रविवार रात दिल्ली में छापेमारी की गई और पुलिस टीम के साथ थोड़ी झड़प के बाद आरोपी शाहनवाज आलम को किराए के मकान से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने सात जिंदा कारतूसों के साथ एक .32 बोर पिस्तौल, रसायनों से भरे प्लास्टिक के कनस्तर, एसिड वाली कांच की बोतलें, छोटे आकार की स्टील की गेंदें, माचिस की डिब्बियां, लोहे के पाइप, इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन, थर्मामीटर, सर्जिकल दस्ताने, विभिन्न रंगीन पाउडर भी बरामद किए हैं. बिजली के टेप, एक रिमोट चाबी, कनेक्टर्स के साथ दो नौ वोल्ट की बैटरी, एक टाइमर घड़ी और भारत के भौगोलिक मानचित्र बरामद किए हैं.