रांचीः बीते 3 मई को झारखंड के साहिबगंज जिले के बोरियो थाना क्षेत्र में एक जंगल से मानव शरीर के कई टुकड़े बरामद किए गए. अगले ही दिन पुलिस ने पता लगा लिया कि शव के ये टुकड़े एक आंगनबाड़ी सेविका मालोती सोरेन के हैं. रोंगटे खड़ी करने वाली यह वारदात किसी और ने नहीं, उसके पति तालू किस्कू ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर की थी. वजह यह कि तालू किस्कू को एक दूसरी महिला से प्यार हो गया था और कुछ महीनों से वह उसे पत्नी की तरह रखने लगा था. दूसरी मोहब्बत के जुनून में उसने अपनी पत्नी की न सिर्फ हत्या की, बल्कि शव के टुकड़े-टुकड़े कर इसलिए फेंक दिया कि उसके सभी अवशेष जंगली जानवर का आहार बन जाएं. 


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इसके पहले बीते 16-17 दिसंबर को इसी जिले के इसी थाना क्षेत्र में ऐसी ही वारदात हुई थी. आदिम जनजाति की रेबिका पहाड़िन नामक युवती की हत्या के बाद उसके शव के 50 टुकड़े कर डालने की वारदात ने हर किसी को दहलाकर रख दिया था. मात्र डेढ़ महीने पहले रेबिका से लव मैरिज करने वाले दिलदार अंसारी ने अपनी मां, मामा और रिश्तेदारों के साथ मिलकर उसे मौत के घाट उतारने और उसे ठिकाने लगाने के लिए दरिंदगी का ऐसा भयावह प्लॉट रचा कि उसकी हड्डियों और मांस के बचे-खुचे टुकड़ों का पोस्टमॉर्टम करते हुए डॉक्टर भी सिहर उठे.


झारखंड की उपराजधानी दुमका में बीते साल अगस्त महीने में 12वीं की छात्रा अंकिता सिंह पर पेट्रोल उड़ेलकर शाहरुख और उसके साथी नईम ने आग लगा दी थी. मामला एकतरफा मोहब्बत का था. 22 अगस्त 2022 की रात उसने अंकिता को फोन पर उसे जान से मारने की धमकी दी और कुछ ही घंटे बाद अगली सुबह पांच जब घर के सभी लोग सो रहे थे, तभी शाहरुख ने कमरे में अकेले सो रही अंकिता पर खिड़की के जरिए पेट्रोल छिड़का और उसके बाद आग लगा दी थी. वारदात के आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार किए जाने के बाद जब जेल ले जाया जा रहा था, तो उसकी बेशर्म हंसी का वीडियो वायरल होने के बाद इस वारदात पर पूरे देश, खास तौर पर सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने गुस्से का इजहार किया था.


बीते साल 29 जून की रात जमशेदपुर में एक चर्चित शख्स कन्हैया सिंह की हत्या उनके घर की सीढ़ियों पर कर दी गई. पुलिस ने एसआईटी बनाकर तफ्तीश के बाद जब इस मामले का खुलासा किया तो पूरा शहर चौंक उठा. उनकी बेटी अपर्णा ने ही अपने प्रेमी राजवीर सिंह के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रची थी.
वह पिता कन्हैया सिंह को अपने इश्क के रास्ते में बाधक मान रही थी. पिता ने अपर्णा को उसके जन्मदिन पर हीरे की अंगूठी भेंट की थी. उसने पिता की हत्या के लिए यही अंगूठी अपने प्रेमी को दे दी, ताकि इसे बेचकर उसके शूटर को सुपारी की रकम दी जा सके. अपर्णा पिता की हत्या के लिए उनकी गतिविधियों के बारे में शूटर को फोन पर गाइड करती रही.


पिछले ही साल रामगढ़ जिले के पतरातू में चंचल कुमारी नामक एक लड़की ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने छोटे भाई रोहित की हत्या कर शव को उसी क्वार्टर में दफना दिया था, जहां वह अकेली रहती थी. कई हफ्तों के बाद पुलिस ने इस वारदात का खुलासा किया था.


दरअसल मोहब्बत और नफरत के जुनून में खून कर डालने की ऐसी वारदात झारखंड में अब आम हो गई है. झारखंड पुलिस के इन्वेस्टिगेशन एंड ट्रेनिंग स्कूल में पदस्थापित डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव कहते हैं कि ऐसी वारदात को पुलिसिंग के जरिए नहीं रोका जा सकता. घर की चारदीवारी के भीतर बैठकर इस तरह के अपराध की योजना बनाने वाले अपराधी कोई पेशेवर तो होते नहीं कि उन्हें पुलिसिंग के सर्विलांस पर रखकर क्राइम करने से रोका जा सके.


इसकी वजहें कहीं न कहीं सामाजिक, पारिवारिक और नैतिक मूल्यों में गिरावट में तलाशी जानी चाहिए और इनका समाधान भी वहीं ढूंढ़ा जा सकता है. पुलिस पर यह जिम्मेदारी जरूर है कि ऐसे मामलों में वैज्ञानिक तरीके से इन्वेस्टिगेशन के साथ साक्ष्य जुटाए और मजबूत चार्जशीट एवं डायरी तैयार कर उन्हें अदालतों से सख्त सजा दिलाने में तत्परता दिखाए. ऐसे अपराधों में स्पीडी ट्रायल और सख्त सजा की परिपाटी विकसित हो तो इससे अपराध करने वालों के भीतर एक डर जरूर पैदा होगा.


झारखंड की कोल्हान यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के व्याख्याता और काउंसलर डॉ धर्मेंद्र कुमार बताते हैं कि इस तरह की वारदात का जो ट्रेंड चल रहा है, उसकी एक बड़ी वजह आज की कंप्लीकेटेड लाइफस्टाइल से उपजी पर्सनालिटी और मेंटल डिसऑर्डर है. गुस्सा, भावनाओं का अतिरेक और अव्यावहारिक ख्वाहिशें युवाओं और किशोरों पर जिस तरह हावी हो रही हैं, उसके नतीजे ऐसी घटनाओं के रूप में हमारे सामने आ रहे हैं.
इनपुट-आईएएनएस