बेगूसराय: बेगूसराय में शिक्षा के सुधार के लाख दावे के बावजूद आज भी जर्जर भवन और खुले आसमान में बच्चें शिक्षा लेने के लिए विवश हैं. पहले से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए मात्र 3 कमरे हैं. वह भी काफी जर्जर है जिस वजह से छात्र-छात्राओं को स्कूल के बरामदा और खुले आसमान के नीचे बैठाकर शिक्षा दिया जा रहा है.


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क्या है पूरा मामला
बता दें कि बरौनी प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय किउल का है. इस स्कूल में भवन की कमी को लेकर बच्चों, शिक्षकों व ग्रमीणों में नाराजगी देखी जा रही है. बताया जाता है कि इस विद्यालय में मात्र तीन कक्षा, एक पुस्तकालय व एक कार्यालय है. एक पुराना पुस्तकालय भी है जो पूर्ण रूप से जर्जर पड़ा हुआ है. विद्यालय कक्षा-एक से लेकर आठवीं तक के लिए है जहां करीब 352 बच्चे नामांकित हैं. कक्षा-5 व 6 के बच्चों को एक ही रूम में बैठ कर शिक्षा दिया जा रहा ग्रहण करते हैं. कक्षा-7 व कक्षा-8 के लिए एक एक कमरा है, इन तीनों रूम की स्थिति भी काफी दयनीय है. 


जर्जर भवन में पढ़ने को मजूबर छात्र
स्कूल के छात्रों ने बताया कि छत की स्थिति काफी जर्जर है, कब छत का टुकड़ा गिर जाए ये पता नहीं है. विद्यालय में चार दीवारी नहीं है वहीं छात्राओं के लिए शौचालय की भी समस्या है. इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक शंकर दास ने बताया कि छात्र के अनुपात में वर्गों की संख्या काफी कम है. जिससे बच्चों को खुले आसमान व बरामदा पर बैठा कर पढ़ाना मजबूरी हो गया. बारिश के मौसम में काफी मशक्कत करना पड़ता है. विद्यालय में 352 बच्चों में मात्र दो शौचालय व एक चापाकल है जिससे बच्चों को काफी कठिनाई उठाना पड़ रहा है. 


दो साल से जर्जर पड़ा हुआ है भवन
बता दें कि भवन, बैंच व अन्य चीजों की घोर कमी है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने कहा कि भवन जर्जर के संबंध में दो साल पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखित आवेदन दिया गया. उसके बाद हाल में भी डीपीओ कार्यालय को इन सारी समस्याओं से अवगत कराया गया. अभी तक इसका किसी प्रकार का सकारात्मक आश्वाशन नहीं आया है.


इनपुट- राजीव कुमार


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