बिहार: वक्फ के अधीन संपत्तियों का नहीं हो रहा निबंधन, सुन्नी वक्फ बोर्ड परेशान
बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि 2008 में राज्यभर में 1200 संपत्तियों का ही निबंधन था जबकि फिहलहाल इसकी संख्या 3000 के करीब पहुंच गई है.
पटना: बिहार सरकार ने वक्फ संपत्तियों के संरक्षण के लिए जो कदम उठाए हुए हैं, उसका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से वक्फ बोर्ड को लाभ पहुंच रहा है. बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड हालांकि संपत्तियों के निबंधन नहीं होने पर चिंतित है. बोर्ड से राज्य की करीब 3000 मस्जिद, कब्रिस्तान, मदरसा सहित अन्य संपत्तियों का निबंधन है.
बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मोहम्मद इशार्दुल्लाह ने बताया कि वक्फ बोर्ड द्वारा राज्य में लगातार सामाजिक कार्य हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलेा में वक्फ बोर्ड की जमीन पर अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालय का निर्माण के लिए तेजी से काम चल रहा है.
आवासीय विद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए खेल मैदान की भी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि आवासीय विद्यालय बनते ही अध्यापन कार्य प्रारंभ हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मदरसों के जीर्णोद्धार के लिए भी काम किया जायेगा.
बहुद्देशीय अंजुमन इस्लामिया भवन का निर्माण भी तेजी से चल रहा है. उन्होंने बताया कि तलाकशुदा या परित्यक्ता महिलाओं की मदद के लिए भी वक्फ बोर्ड काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि लडकियों को स्वावलंबी बनाने के लिए भी कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
मोहम्मद इशार्दुल्लाह हालांकि वक्फ द्वारा सभी मस्जिद, कब्रिस्तान, मदरसों के निबंधन नहीं कराए जाने पर चिंता प्रकट की है. बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि 2008 में राज्यभर में 1200 संपत्तियों का ही निबंधन था जबकि फिहलहाल इसकी संख्या 3000 के करीब पहुंच गई है.
उन्होंने निबंधन नहीं कराए जाने के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि पुराने समय में ग्रामीण क्षेत्रों में लोग जमीन तो दान दे देते थे, लेकिन उसका कोई लिखित दस्तावेज नहीं होता था, इस कारण कई संपत्तियों के निबंधन में परेशानी हो रही है. उन्होंने हालांकि यह भी माना कुछ स्थानों पर तो संपत्ति को लेकर विवाद जरूर है.
इशार्दुल्लाह बताते हैं कि निबंधन पर बोर्ड लगातार स्थानीय समितियों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि हाल ही में सरकार ने भी योजानाएं बनाई है, जिससे वक्फ की संपत्तियों को सुरक्षित किया जा सके और उससे आमदनी भी प्राप्त हो.
(आईएएनएस)