दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड की कोठिया पंचायत में एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानदार मुसर्रत खातून पर भारत और नेपाल की दोहरी नागरिकता रखने का गंभीर आरोप लगा है. वार्ड सदस्य जितेंद्र प्रसाद ने प्रशासन को शिकायत करते हुए दावा किया है कि मुसर्रत खातून नेपाल की मतदाता सूची में 'मुसर्रत परवीन' के नाम से दर्ज हैं, जबकि भारत में वह अपना नाम बदलकर पीडीएस दुकान चला रही हैं. यह मामला तब और गंभीर हो गया, जब पता चला कि इसी पंचायत की पूर्व मुखिया 'सबा परवीन' को भी अक्टूबर 2024 में दोहरी नागरिकता के आरोप में पद से हटाया जा चुका है.  


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क्या है पूरा मामला?
जितेंद्र प्रसाद ने जिलाधिकारी (डीएम), ब्लॉक विकास पदाधिकारी (बीडीओ) और मार्केटिंग अधिकारी को लिखित शिकायत में बताया कि नेपाल की मतदाता सूची में मुसर्रत परवीन का नाम क्रमांक 18018076 पर दर्ज है, जिसमें उनकी जन्मतिथि 20 जून 1951 बताई गई है. वहीं, भारत के मतदाता आईडी (EPIC नंबर UEZ1362151) में उनका नाम मुसर्रत खातून है. शिकायतकर्ता ने दोनों देशों के दस्तावेजों की कॉपी प्रशासन को सौंपी है.  


प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
सदर अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) विकास कुमार के मुताबिक, शिकायत मिलने के बाद 24 जनवरी को दोनों पक्षों (मुसर्रत और जितेंद्र) को दस्तावेजों के साथ बुलाया गया था. मामले की जांच के लिए शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है. जिलाधिकारी राजीव रौशन ने स्पष्ट किया कि 'भारतीय कानून के मुताबिक, किसी अन्य देश की नागरिकता रखने वालों को भारत की नागरिकता नहीं मिल सकती. अगर आरोप सही पाए गए, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.'


क्यों है यह मामला अहम?
पीडीएस दुकान का संचालन: मुसर्रत खातून की दुकान से करीब 2,000 ग्रामीण राशन लेते हैं. दोहरी नागरिकता वाले व्यक्ति का इस पद पर होना गंभीर सवाल खड़ा करता है.
पहले भी हट चुकी है मुखिया: कोठिया पंचायत की पूर्व मुखिया सबा परवीन को इसी आरोप में पद से हटाया जा चुका है, जिससे यह साबित होता है कि यह समस्या स्थानीय स्तर पर व्यापक हो सकती है.
नेपाल से सटी सीमा: नेपाल की सीमा के नजदीक होने के कारण यहां दोहरी नागरिकता के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं.  


प्रशासन का अगला कदम क्या?
प्रशासन ने मुसर्रत खातून से उनकी नागरिकता से जुड़े सभी दस्तावेज मांगे हैं. अगर जांच में आरोप सही पाए गए, तो उनके खिलाफ भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत कार्रवाई होगी और पीडीएस लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. साथ ही, शिकायतकर्ता जितेंद्र प्रसाद का दावा है कि "इस पंचायत में कई और लोग भी दोहरी नागरिकता रखते हैं," जिस पर प्रशासन चुप्पी साधे हुए है.  


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