बेगूसराय:Bihar News: बेगूसराय से एक ऐसा मामला सामने आ रहा है, जिस पर यकीन कर पाना थोड़ा मुश्किल है. दरअसल, बेगूसराय जिले के  भगवानपुर प्रखंड के बनवारीपुर चकदुल्लम गांव में डॉक्टरों ने एक नवजात शिशु को मृत घोषित कर दिया था. जिसके बाद परिजनों ने उसे कब्र में दफना दिया. बाद में एक भगत के कहने पर कब्र की खुदाई कर दोबारा बच्चे को बाहर निकाला गया. बच्चे के परिजन 72 घंटे से परिजन बच्चे को लेकर कभी भगत के यहां तो कभी अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं. फिलहाल अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बच्चा मृत है या जिंदा.


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क्या है पूरा मामला 
शनिवार को चकदुल्लम निवासी विनोद शर्मा की पत्नी ने एक लड़के को जन्म दिया. जन्म के बाद डॉक्टरों ने बच्चे को घर ले जाने की सलाह दी, लेकिन शनिवार की शाम में ही बच्चे की मौत हो गई. परिजनों ने बच्चे को कब्र में दफन कर दिया. इसी बीच विनोद शर्मा के पिता ने दिल्ली में रहने वाले एक भगत से बात की तो उक्त भगत के द्वारा बच्चे के जिंदा होने की बात बताई गई. अंधविश्वास की वजह से परिजनों ने खोलकर बच्चे के शव को कब्र से बाहर निकाला तो परिजनों के अनुसार बच्चे का पल्स चल रहा था. परिजनों ने उसे ग्रामीण चिकित्सक से दिखाया तो चिकित्सकों ने बच्चे के जिंदा होने की बात कही, लेकिन बच्चे को बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाने की सलाह दी. 


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बच्चा जीवित होना चमत्कार 
परिजनों के द्वारा एक स्थानीय भगत से बात करने पर उसे गहबर ले जाया गया. जहां परिजनों ने बताया कि भगत ने जब बच्चे के शरीर पर अक्षत एवं जल का छिड़काव किया गया तो बच्चे के शरीर में हलचल उत्पन्न हो गई. इसी बीच परिजन वापस बच्चे को लेकर घर आ गए. परिजनों ने बताया कि बच्चे ने मल मूत्र का भी त्याग किया. कहानी में नया मोड़ सोमवार की रात को आई जब परिजनों ने बच्चे के सिर से खून निकलते देखा, तब परिजनों के द्वारा डायन की बात बोली जाने लगी. फिलहाल बच्चे को परिजनों ने वापस भगत के यहां लेकर गए हैं. जहां बच्चे का झाड़फूंक किया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने कहा कि बच्चा जीवित होने के बाद कहीं ना कहीं भगवान का चमत्कार है.