बदरुद्दीन अजमल के बयान पर बिफरे राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा, गिरफ्तारी की मांग की
बेगूसराय में राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा ने बदरुद्दीन अजमल के बयान को महिलाओं का अपमान बताते हुए उसे गिरफ्तार करने की मांग की है.
बेगूसरायः बेगूसराय में राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा ने बदरुद्दीन अजमल के बयान को महिलाओं का अपमान बताते हुए उसे गिरफ्तार करने की मांग की है. इसके साथ ही संघ के राहुल गांधी के बयान को संघ फोबिया से ग्रस्त होने की बात कहते हुए अपने स्थान पर प्रियंका गांधी को नेता घोषित करने की बात कही है. जेएनयू प्रकरण पर कहा कि देश विरोधी तत्व भारत को कमजोर करने की साज़िश कर रहे हैं. राकेश सिन्हा ने कहा बदरुद्दीन ने जो बयान दिया है वह न सिर्फ सांप्रदायिकता का प्रतीक है बल्कि महिलाओं पर एक बड़ा आघात है.
गिरफ्तारी और मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग
जो व्यक्ति सार्वजनिक जीवन में महिलाओं पर टिप्पणी करे, हिंदू महिला पुरुष पर आरोप लगाए कि शादी से पहले अनैतिक संबंध बनाए उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए. उनका बयान ना सिर्फ हिंदू महिलाओं का नहीं बल्कि संपूर्ण महिला समाज पर बड़ा आघात है. राहुल गांधी के संघ के बयान को लेकर राकेश सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी संघ फोबिया से ग्रस्त हैं इसी फोबिया के कारण राहुल गांधी बिना संघ के बारे में जाने बयान देते हैं राहुल गांधी बताएं अगर कांग्रेस में महिलाओं को स्थान दिया जाता है तो वह अपने आप को हटाकर प्रियंका गांधी को कांग्रेस का नेता घोषित कर दें.
राहुल गांधी पर की टिप्पणी
राहुल गांधी को मालूम नहीं है राष्ट्र सेविका समिति देश का सबसे बड़ा महिला संगठन है जो संघ से जुड़ा हुआ है. राहुल गांधी को संघ की शाखा में जाना चाहिए और जानना चाहिए तब उनके बयान में नैतिकता होगी. राहुल गांधी भारत विमर्श हटकर यूरोप संघ में शामिल है और उसे यूरोपियों की नजर से देखने का काम करते हैं. राकेश सिन्हा ने जेएनयू में ब्राह्मणों को उनके खिलाफ आपत्तिजनक लेखन को लेकर कहा कि हिंदू समाज पर बार-बार आघात किया जाता है.
जेएनयू में यह प्रवृत्ति तबसे बढ़ी है जब से टुकड़े टुकड़े गैंग का समर्थन सीताराम येचुरी और राहुल गांधी जैसे लोगों ने किया है. उनके प्रोत्साहन से ही हिंदू समाज को विखंडित करने का उसमें जाति विमर्श को घटिया स्तर पर ले जिने की कोशिश हो रही है. जिन लोगों ने ऐसा किया है राष्ट्र विरोधी ताकते हैं देश के भीतर के राजनीतिक ताकतों का साथ ही नहीं बल्कि बाहर के ताकत जो भारत के बाहर बढ़ती शक्ति को कमजोर करने के लिए उनको प्रोत्साहित करते हैं.