बेगूसराय: Bihar Politics: बेगूसराय में राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बिहार में विपक्षी एकता को लेकर 23 जून को होने वाले बैठक को लेकर विपक्ष पर जोरदार हमला बोला है. इस विपक्षी एकता की बैठक में महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला के बिहार आने को लेकर इसे बिहार की धरती का अपमान बताया है. इस दौरान सांसद राकेश सिन्हा ने बिहार में महागठबंधन में शामिल जीतन राम मांझी के पुत्र का मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने पर भी निशाना साधा है.


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सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि देखिए ये वो लोग हैं जो 370 वापस लाने की बात कर रहे हैं. जो लोग 370 वापस लाने के बात करने वाले ऐसे राजनेता को ऐसे राजनीतिक दल को बिहार के गांधी मैदान में मंच देना बिहार के विरासत का बिहार के गरिमामय विरासत का सबसे बड़ा अपमान है. फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती का बिहार में मंच साझा करना चंद्रगुप्त और चाणक्य का सबसे बड़ा अपमान माना जाएगा. बिहार में महागठबंधन की बात हो रही है यह महागठबंधन नहीं महाविनाश है. बिहार में पुल टूटा है यह महागठबंधन का मेनिफेस्टो है यदि यह महागठबंधन बिहार में रह जाता है या आगे आता है तो यह महाविनाश की सूचना दे दी है.


भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हर स्तर पर संगठित होकर सुविचारित होकर और सुव्यवस्थित होकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस महा गठबंधन को लोकसभा में और विधानसभा में परास्त करने का संकल्प ले लिया है. बिहार में सरकार से जीतन राम मांझी के पुत्र के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि लालू अपने पुत्र तेजस्वी को बढ़ाने के लिए लगे हुए हैं तेजस्वीवाद चल रहा है. नीतीश जी स्वयं तेजस्वी को नीचे रखना चाहते हैं. मांझी जी स्वयं अपना हस्तक्षेप चाहते हैं बिहार में मुख्यमंत्रियों के दौर में महागठबंधन में दर्जनों नेता है सभी मेंढक की तरह एक दूसरे की टांग खींचने में लगे हैं. महागठबंधन में अब बिखराव का रास्ता आज से शुरू हो गया है. आने वाले दिनों में देखेंगे कि महागठबंधन पूरी तरह से बिखर गया है. महागठबंधन में जो लोग हैं वह जानते हैं कि 2024 और 2025 में भविष्य अंधकार में है.


इनपुट- राजीव


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