समस्तीपुर : समस्तीपुर में एक बच्चे की सूझबूझ के कारण शनिवार सुबह हावड़ा से काठगोदाम जा रही बाघ एक्सप्रेस एक बड़ी दुर्घटना से बच गई. यह घटना समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड पर हुई, जहां रेल की पटरी टूटी हुई थी. मो. शकील का 14 वर्षीय पुत्र मो. शाहबाज, जो न्यू कॉलोनी का निवासी है. अपने घर लौटते समय रेल की टूटी पटरी देखी. उसी समय उसने देखा कि स्टेशन से ट्रेन आ रही है.


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शाहबाज ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए तुरंत अपने गले में लपेटे रंगीन गमछे को हिलाना शुरू कर दिया. ट्रेन के चालक ने शाहबाज को गमछा हिलाते हुए देखा और तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया. हालांकि, ट्रेन की तीन बोगियां पहले ही टूटी पटरी पार कर चुकी थीं, लेकिन कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. ट्रेन रुकने के बाद लोको पायलट विद्यासागर ने ट्रेन से उतरकर शाहबाज से गमछा हिलाने का कारण पूछा. शाहबाज ने उन्हें पटरी टूटने की जानकारी दी. इस दौरान ट्रेन के गार्ड अरुण कुमार दुबे भी वहां पहुंच गए. लोको पायलट और गार्ड ने पटरी का निरीक्षण किया और देखा कि वाकई पटरी टूटी हुई थी. उन्होंने तुरंत विभाग को इसकी सूचना दी.


सूचना मिलते ही ट्रैक मेंटनेंस टीम मौके पर पहुंची और पटरी की मरम्मत का कार्य शुरू किया. मरम्मत के काम के कारण ट्रेन लगभग 45 मिनट तक रुकी रही। इसके बाद ट्रेन को आगे बढ़ाया गया. यह घटना शनिवार सुबह 9:44 बजे हुई, जब बाघ एक्सप्रेस समस्तीपुर स्टेशन पहुंची. स्टेशन पर कुछ देर रुकने के बाद, यह ट्रेन 10:02 बजे आगे के लिए रवाना हुई थी. इस घटना के कारण ट्रेन एक घंटे की देरी से चल रही थी, लेकिन शाहबाज की सूझबूझ के कारण एक बड़ा हादसा टल गया और यात्रियों की जान बच गई. शाहबाज के इस साहसिक कदम की सभी ने सराहना की. इस घटना से यह साबित होता है कि अगर हम सतर्क और सूझबूझ से काम लें तो बड़ी दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है. शाहबाज की बहादुरी और तुरंत निर्णय लेने की क्षमता ने कई जानें बचा लीं और यह घटना हमेशा याद रखी जाएगी.


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