पटना: 8 जून को खुल रहे मंदिर के पट, 78 दिन बाद भगवान के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु
मंदिर परिसर में प्रवेश से लेकर अंदर तक जगह-जगह सैनिटाइजेशन पॉइंट बनाया गया है, जहां भक्त अपने हाथ को सैनिटाइज कर पाएंगे और बिना छुए हुए सेंसर के जरिए हाथ सैनिटाइज हो जाएगा.
पटना: कोरोना संक्रमण काल में लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सभी पूजा-प्रार्थना घर को बंद करने का निर्देश जारी किया था. लेकिन सोमवार को 78 दिन बाद मंदिरों का पट खुलेगा. पटना के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमरती है. इसको देखते हुए मंदिर प्रशासन ने कई एहतियाती कदम उठाए हैं.
मंदिर परिसर को किया गया सैनिटाइज
मंदिर खुलने से पहले पूरे मंदिर परिसर को सैनिटाइज किया गया. वैसे स्थान पर जहां टचपॉइंट है और श्रद्धालुओं का कहां-कहां संपर्क मंदिर में रेलिंग से लेकर दूसरे जगहों पर पड़ता है, उसे खासतौर पर सैनिटाइज किया गया है. मंदिर प्रांगण में अंदर और बाहर पेंट से स्क्वायर बनाए गए हैं, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन करने में सहूलियत हो.
फूल-माला चढ़ाने पर प्रतिबंध
इसी क्रम में पीले पेंट से बनाएं स्क्वायर पुरुषों के लिए हैं, जबकि ब्लू कलर के स्क्वायर में महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर अपनी बारी का इंतजार करेंगी. मंदिर में फूल माला नहीं चढ़ाया जाएगा और इसकी बिक्री भी आसपास में बंद करा दी गई है.
प्रसाद लैमिनेट होगा
हालांकि, प्रसिद्ध चढ़ने वाले प्रसाद नैवेद्यम की बिक्री तो जरूर होगी, लेकिन उसे सील करके दिया जाएगा औऱ भक्त उसे नहीं खोलेंगे. वो सीधे भगवान के चरणों में समर्पित कर उसे लौटाया जाएगा और प्रसाद भी पूरी तरह से लेमिनेट होगा, जो कि सैनिटाइज किया हुआ होगा.
मूर्ति को नहीं छू सकेंगे भक्त
इतना ही नहीं, भक्त भगवान को नहीं छुएंगे, ना ही किसी चीज को स्पर्श करेंगे. वह मंदिर में दर्शन करके लौट जाएंगे यहां दिए जाने वाले तुलसी दल और चरणामृत को भी भक्तों में नहीं बांटा जाएगा. मंदिर के घंटे भी भक्त नहीं बजाएंगे, इसको लेकर सभी घंटियों को कपड़े से बांध दिया गया है.
परिसर में सैनिटाइजेश की व्यवस्था
वहीं, मंदिर परिसर में प्रवेश से लेकर अंदर तक जगह-जगह सैनिटाइजेशन पॉइंट बनाया गया है, जहां भक्त अपने हाथ को सैनिटाइज कर पाएंगे और बिना छुए हुए सेंसर के जरिए हाथ सैनिटाइज हो जाएगा. हनुमान मंदिर में पहले से ही हाथ पैर धोकर ही मंदिर में प्रवेश करने की व्यवस्था है, इसे और पुख्ता बनाया गया है.
अल्फाबेट के मुताबिक मिलेगा दर्शन
इधर, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नाम के पहले अक्षर अल्फाबेट के अनुसार दर्शन की व्यवस्था की गई है. साथ ही, मंगलवार और शनिवार को भक्तों की यहां ज्यादा भीड़ उमड़ती है, इसे देखते हुए इस दिन दर्शन को लेकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने की व्यवस्था की गई है.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा
मंगलवार और शनिवार को दर्शन के लिए भक्तों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा. मंदिर परिसर के बाहर दर्शन के लिए जारी गाइडलाइन के पोस्टर टांगे गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन से पहले किस तरीके से किन नियमों का पालन करना है, इसकी जानकारी दी गई है.
थर्मल स्क्रिनिंग की जाएगी
इसके साथ ही, मंदिर में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग भी भक्तों की जाएगी और किसी भी तरह के लक्षण पाए जाने पर मंदिर में प्रवेश की अनुमति गाइडलाइन के अनुसार नहीं दी जाएगी.