बोकारो: बोकारो में एक 10 साल के मासूम ने ठेला खींचकर अपनी दादी को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया. दरअसल, बोकारो के चंदनक्यारी में एक भी सरकारी एंबुलेंस नहीं है. सरकारी एंबुलेंस नहीं मिला तो खुद मासूम ने घर के ठेले में दादी को लिटाकर अपनी छोटी बहन और मां के साथ चंदनक्यारी का सरकारी अस्पताल लेकर आया और दादी को इलाज के लिए भर्ती कराया.


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चंदनकियारी की अबतक नहीं बदली तस्वीर
बता दें कि बोकारो जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में शुमार चंदनकियारी की अबतक तस्वीर नहीं बदली है. लोगों की तस्वीरें ही साफ बयां कर रही है जहां चंदनकियारी मुख्यालय के पक्की सड़क पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रास्ते एक मासूम द्वारा ठेला खींचते हुए उसमें लदा 75 वर्षीया मरूरा देवी नामक मरीज को अस्पताल तक पहुंचाते दिखे. जहां वृद्धा ठेले पर कंबल में लपेटी हुई लेटी थी और साथ में एक महिला व बच्ची भी पीछे-पीछे चल रही थी. वृद्धा का पोता सूरज कुमार जिसकी उम्र महज आठ से दस साल होंगे,जो ठेले को खींच रहा था. इस दौरान मासूम सूरज को पूछने पर बताया कि वे चंदनकियारी स्थित बागानटोला का निवासी है व उसकी वृद्ध दादी कई दिनों से बीमार है. अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने पर घर में रखा ठेला पर ही लादकर अस्पताल पहुंचाया.


अस्पताल में एक महीने से नही है एंबुलेंस
इस संबंध में चंदनकियारी सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. श्रीनाथ ने कहा कि विगत एक महीने पूर्व ही अस्पताल का 108 एंबुलेंस रांची से लौटने के क्रम में हादसे का शिकार होकर खराब पड़ा है. एक महीने बीतने के बाद भी अस्पताल को एंबुलेंस नहीं मिल पाया है. दूसरी ओर क्षेत्र में सांसद व विधायकों से प्रदत्त कई एंबुलेंस अब सरकारी फाइलों में ही सिमटकर रह गई है, जो अब अस्पताल या सड़कों पर नहीं दिखती हैं. वही बोकारो सिविल सर्जन कार्यालय के एसीएमओ डॉ.एच के मिश्रा ने कहा कि आपके माध्यम से जानकारी मिली है ऐसे में पूरे मामले में जानकारी लेकर एंबुलेंस की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही विधायकों को भी इस बारे में अपील किया जाएगा, ताकि उनके द्वारा चंदनक्यारी प्रखंड में एंबुलेंस की व्यवस्था की जाए.


इनपुट- मृत्युंजय मिश्रा


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