धनबाद: धनबाद सिम्फ़र में 140 करोड़ रुपए के हुए ऑनरेरियम (प्रोत्साहन राशि) घोटाले की जांच में सीबीआई एक टीम ने चीफ साइंटिस्ट सह हेड ऑफ रिसर्च ग्रुप संसाधन गुणवत्ता मूल्यांकन प्रभाग डॉ अशोक कुमार सिंह के बंगला डिगवाडीह में पहुंची. जांच में क्या-क्या दातावेज मिला जांच टीम मीडिया को कुछ भी नहीं बता रही है. 


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बता दें कि मीडिया को कहा जा रहा है कि जांच के बाद स्पष्ट किया जाएगा. वहीं टीम धनबाद के धैया स्थित सिंफर के तत्कालीन डायरेक्टर पीके सिंह के आवास को भी सील कर चुकी है. वहीं प्राथमिकी में सिम्फ़र के निर्देशक पीके सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. इन दोनों अफसरों के अलावा कई अज्ञात को भी आरोपी बनाया गया है. 


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सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2016 से 28 मार्च 2021 के बीच कोल सैंपलिंग प्रोजेक्ट में नियम को ताक पर रख कर सिंफर के 553 वैज्ञानिकों, टेक्निकल ऑफिसर, टेक्निकल असिस्टेंट और प्रशासनिक कर्मचारियों को 139 करोड़ 79 लाख 97 हजार 871 रुपए का भुगतान किया गया. 


इसमें से डॉ पीके सिंह ने ऑनरेरियम के रूप में 15 करोड़ 36 लाख 72 हजार रुपए व डॉ अशोक को बौद्धिक शुल्क के रूप में नौ करोड़ चार लाख 31 हजार 337 रुपए मिले. इससे सरकार के खजाने को क्षति पहुंची. वर्ष 2021 से ही इस घोटाले की जांच चल रही थी. इसी मामले में पिछले साल रिटायरमेंट से पहले वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-सीएसआईआर नई दिल्ली ने डॉ पीके सिंह को सस्पेंड कर दिया था. दो वर्षों से कई केंद्रीय एजेंसियां मामले की जांच कर रही थी.
Report: Nitesh Mishra