दुमका में शुरू हुआ कोयला लोडिंग का काम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिला एनओसी
डीआरएम ने बताया कि इस रैक प्वाइंट से कोयला लोडिंग के दौरान कोई प्रदूषण नहीं फैले, इसका उपाय किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी मिला हुआ है. प्रदूषण नियंत्रण के लिए बोर्ड से कुछ निर्देश दिए गए हैं,
दुमका : दुमका रेलवे स्टेशन से कोयला लोडिंग कर दूसरे स्थानों में भेजने का काम शुरू हो गया है. कोयला लोडिंग कर बाहर भेजे जाने से रेलवे को राजस्व की प्राप्ति होगी. जिससे दुमका रेलवे विकसित हो पायेगा. आसनसोल रेल डिविजन के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) परमानंद शर्मा ने दुमका में मुख्य रुप से कोयला रैक प्वाइंट का निरीक्षण किया.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिला एनओसी
डीआरएम ने बताया कि इस रैक प्वाइंट से कोयला लोडिंग के दौरान कोई प्रदूषण नहीं फैले, इसका उपाय किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी मिला हुआ है. प्रदूषण नियंत्रण के लिए बोर्ड से कुछ निर्देश दिए गए हैं, उसे हम लोग पूरा कर रहे हैं ताकि रैक प्वाइंट प्रदूषण मुक्त रहे. इसके लिए चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई. डीआरएम ने बताया कि दुमका के कुछ लोगों ने एनजीटी में शिकायत की है. रेलवे ने कोल लोडिंग को प्रदूषण रहित बनाने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में एनजीटी के समक्ष भी अपना पक्ष रखा है.
दुमका में खुलेंगे रोजगार के साधन
बता दें कि लोगों की शिकायतें दूर की जा रही है. इस पर तेजी से काम हो रहा है. दुमका झारखंड की उपराजधानी है इसको आर्थिक राजधानी बनाने का मकसद है. कोयला रैक पॉइंट बनने से यहां रोजगार के साधन खुलेंगे. वहीं दुमका रेलवे क्षेत्र के पास स्थित रसिकपुर मोहल्ले के लोगों ने कोयला रैक पॉइंट हटाने की मांग की है. स्टेशन से सटे रसिकपुर मुहल्ला के नागरिकों ने डीआरएम को आवेदन सौंप कर दुमका स्टेशन से कोयला रैक पॉइंट किसी दूसरे स्टेशन पर शिफ्ट करने का अनुरोध किया है. नागरिकों का कहना था कि रेलवे स्टेशन से 50 से 100 गज की दूरी पर लोगों के घरों के साथ ही स्कूल, कॉलेज बने हुए हैं. कोयला रैक पॉइंट से आ रहे डस्ट से प्रदूषण हो रहा है.
इनपुट- सुबीर चटर्जी
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