Ranchi:दुमका की छात्रा अंकिता को जिंदा जलाने की घटना को लेकर अब सियासत तेज हो गई है.  इस मामले को लाकर विपक्ष ने हेमंत सरकार पर हमला बोल दिया है. पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि शाहरुख की सनक की शिकार हुई अंकिता की जान बचाई जा सकती थी, अगर उसे भी बेहतर इलाज मिल पाता. एक ओर रांची में उपद्रव में घायल नदीम को राज्य सरकार एयर एम्बुलेंस से सरकारी खर्च पर दिल्ली भेज मेदांता में इलाज करवाती है, वहीं अंकिता को रांची भेजने तक की व्यवस्था नहीं कर पाती.


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उठाई ये मांग


इस मामले को लेकर उन्होंने ट्वीट किया 'ये बहुत दुखद है. आखिरकार दुमका की बेटी अंकिता रांची के रिम्स में जिंदगी की जंग हार गई. शाहरुख नामक वहशी युवक ने उसे पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया था. राज्य सरकार फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर हत्यारे को फांसी की सजा दिलाए. अंकिता को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि.'


पुलिस पर उठाए सवाल 


 



उन्होंने पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्वीट किया,'खबरों के मुताबिक़ दुमका में अंकिता को जलाये जाने के मामले में वहाँ के डीएसपी नूर मुस्तफा ने शुरू से ही अभियुक्त शाहरुख़ हुसैन को बचाने का प्रयास किया. एफ़आइआर में नाबालिग की जगह बालिग़ लिखवा दिये जाने की बात खबरों में आ रही है.



उन्होंने आगे ट्वीट किया डीएसपी के खिलाफ दुमका समेत पूरे राज्य के लोगों में भारी आक्रोश है और उनके वहाँ रहते लोगों को न्याय की उम्मीद नहीं.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, इससे पहले कि मामला और बिगड़े, इस षड्यंत्रकारी डीएसपी नूर मुस्तफ़ा पर एफ़आइआर दर्ज करा कर उसे जेल भिजवाइये.


अस्पताल में हुई थी मौत 


बता दें कि झारखंड के दुमका में मंगलवार को शाहरुख नामक एक युवक ने एकतरफा प्यार में असफल होने पर 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 19 साल की युवती को जिंदा जला दिया जिससे उसकी मौत हो गई. घटना के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद प्रशासन ने वहां धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी है. दुमका के पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा ने  बताया कि घटना में 90 फीसदी झुलस गयी युवती को इलाज के लिए रांची स्थित रिम्स में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार तड़के ढाई बजे उसकी मौत हो गयी.