दुमका:Jharkhand News: दुमका के आम लोगों के मन में सरकारी तंत्र का क्या स्वरूप निवास करता है इसकी एक नजारा दुमका समाहरणालय में देखने को मिला. समाहरणालय में एसडीओ से मिलने आया एक वृद्ध व्यक्ति ने आवेदन के साथ 1500 लपेटकर बतौर रिश्वत दिया. जिसके बाद आवेदन खोलते ही एसडीओ के होश उड़ गए. एसडीओ कौशल कुमार से मिलने पहुंचे सरैयाहाट प्रखंड के बारीडीह निवासी बृद्ध नारद मंडल के एक हाथ पर प्लास्टर चढ़ा हुआ था. फटेहाल स्थिति में बुगुर्ज नारद मंडल जब एसडीओ के चैम्बर में पहुंचे तो आवेदन एसडीओ की तरफ बढ़ा कर हाथ जोड़े खड़ा रहा. आवेदन खोलते ही एसडीओ का पारा सातवें आसमान पर पहुँच गया क्योंकि आवेदन के साथ 1500 रुपया भी था.


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आनन फानन में एसडीओ ने एसडीपीओ  और नगर थाना प्रभारी को बुलाया. बुगुर्ज पर जमकर बरसे और जेल भेजने की बात करने लगे. बुगुर्ज के पैर तले जमीन खिसकने लगी. जब बुजुर्ग से यह पूछा गया कि किसके कहने पर उसने ऐसा किया और रुपया कहां से लाया. वृद्ध व्यक्ति का जबाब सुनकर अधिकारी भी सोचने पर विवश हो गए. बुगुर्ज नारद ने बताया कि जमीन से संबंधित एक मामले को लेकर वह काफी परेशान है. थाना और अंचल कार्यालय का चक्कर लगा कर वह वह थक चुका है. गांव में लोगों ने बताया कि बगैर रिश्वत दिए सरकारी कार्यालय में काम नहीं होता है. फिर क्या था नारद ने वृद्धावस्था पेंसन से प्राप्त राशि मे से 2 हजार रुपये निकाला और बस पकड़ कर दुमका पहुंच गए.


कोर्ट पहुंच कर वकील से संपर्क किया।. वृद्ध की बात सुनकर अधिकारी का गुस्सा शांत हुआ और 1500 रुपये बुगुर्ज को वापस करते हुए एसडीओ कौशल कुमार ने नारद को समझाया कि रिश्वत लेना और देना दोनों ही कानून जुर्म है. एसडीओ कौशल कुमार ने सरैयाहाट अंचल के सीओ और थाना प्रभारी को नारद के मामले की जानकारी देते हुए प्राथमिकता के साथ नारद के जमीन संबंधी मामले की जांच करते हुए प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया. साथ ही नगर थाना को वकील से मिलकर कागजात वापस कराने का निर्देश दिया.


इनपुट-  सुबीर चटर्जी


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