जामताड़ा में सेब की खेती कर रहे किसान, 42 डिग्री तापमान में 65 पौधों में लगे फल
अरिंदम चक्रवर्ती बताते हैं कि उन्होंने इजरायल और हिमाचल से गोल्डन डोरसेट, हरीमन 99 एवं ट्रोपिक स्वीट प्रजाति के पौधे मंगाए थे और इनकी रोपाई की. पिछले 2 वर्षों से इस में फल आना शुरू हो गया है. इस वर्ष 65 पौधों में फल लगे हुए हैं और उम्मीद है कि आने वाले साल में अन्य सभी पौधों में फल लगेंगे.
जामताड़ा: जामताड़ा के किसान ने 42 डिग्री के तापमान में सेव की खेती कर एक मिसाल कायम की है. जामताड़ा जिले के कुंडहित प्रखंड अंतर्गत अंबा गांव निवासी अरिंदम चक्रवर्ती ने डेढ़ एकड़ जमीन में सेव के लगभग 130 पेड़ लगाए हैं, जिसमें से 65 पेड़ों में फल लगे हुए हैं. वैसे तो सेव की खेती कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में होती है, लेकिन झारखंड के गर्म प्रदेश में भी सेव की सफल खेती किसानों के लिए मार्गदर्शन साबित हो रही है.
अरिंदम चक्रवर्ती बताते हैं कि उन्होंने इजरायल और हिमाचल से गोल्डन डोरसेट, हरीमन 99 एवं ट्रोपिक स्वीट प्रजाति के पौधे मंगाए थे और इनकी रोपाई की. पिछले 2 वर्षों से इस में फल आना शुरू हो गया है. इस वर्ष 65 पौधों में फल लगे हुए हैं और उम्मीद है कि आने वाले साल में अन्य सभी पौधों में फल लगेंगे. सेव की खेती को लेकर अरिंदम काफी आशान्वित है. उन्होंने कहा है कि अगर मेहनत तथा तकनीक का उपयोग किया जाए तो झारखंड में सेव की खेती संभव है.
अरिंदम के इस सेव की खेती से जिला कृषि पदाधिकारी रंजीत कुमार ने कहा कि जिन प्रजातियों की यहां खेती की जा रही है इन प्रजातियों को झारखंड में उगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अरिंदम ने यहां के किसानों को एक नई फसल लगाने के लिए राह दिखाया है. जामताड़ा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक संजीव कुमार भी ने जामताड़ा में हो रहे सेव की खेती को लेकर उम्मीद जगाया है कि आनेवाले दिनों में कई अन्य किसान भी सेव की खेती करेंगे और इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी.
इनपुट- देबाशीष भारती
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