कोडरमा : झारखंड के कोडरमा जिले ने 6 महीने के भीतर कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसकी वजह से इस विश्व साक्षरता दिवस के मौके पर उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. पढ़ता कोडरमा बढ़ता कोडरमा की परिकल्पना के साथ शुरू किए गए साक्षरता अभियान को आज 6 महीने पूरे हो गए हैं और इन 6 महीनों में कोडरमा जिले के 50 गांव पूरी तरह से साक्षर हो गए हैं. विश्व साक्षरता दिवस के मौके पर आज इसकी विधिवत घोषणा की गई है. 


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15 अगस्त 2023 तक जिले के सभी गांव को साक्षर बनाने का लक्ष्य 
बता दें कि इन 50 गांवों के हर उम्र के लोग पढ़ना लिखना जानते हैं और आने वाले 15 नवंबर तक जिले के 100 गांव और अगले साल 15 अगस्त तक जिले के सभी गांव को साक्षर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. 


गांवों के सभी वृद्ध, युवा और बच्चे भी हो गए साक्षर 
विश्व साक्षरता दिवस के मौके पर कोडरमा के बिरसा सांस्कृतिक सभागार में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में साक्षरता से जुड़े नाटक का मंचन किया गया, जबकि विभिन्न गांवों से आए लोगों ने स्लेट पर अपना नाम लिखकर अपने गांव के साक्षर होने की बानगी बयां की. सतगावां प्रखंड के मनोज राय ने स्लेट पर अपना नाम लिखने के बाद बताया कि अब तक उसे लोग अंगूठा छाप के तौप पर जानते थे लेकिन अब अपना नाम लिखना जान गये हैं और इस बात कि उसे बहुत खुशी है. 


सिर्फ मनोज ही नहीं बल्कि, जिले के मरकच्चो, जयनगर, डोमचांच, चंदवारा और कोडरमा प्रखंड के दर्जनों गांव पूरी तरह से साक्षर हो चुके हैं. छोटे-छोटे बच्चे अपनी नानी-दादी को उम्र के इस पड़ाव में साक्षर बनाने में अहम योगदान निभा रहे हैं, जिससे महिलाएं काफी खुश हैं. महिला मालती देवी ने बताया कि वह अपने नाम के साथ अपने पति का नाम भी लिखना सीख गई हैं और निरंतर इसका अभ्यास भी करती रहती हैं. 


जब लोग साक्षर होंगे तो, गांव भी साक्षर बनेगा और देश की साक्षरता दर भी बढ़ेगी. इसके साथ ही तब तक 8 सितंबर को मनाए जाने वाले विश्व साक्षरता दिवस की सार्थकता नहीं पूरी होगी. 


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