Pakur: महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में हर दूसरे दिन घोटाले के मामले सामने आ रहे हैं. झारखंड के पाकुड़ में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यह मामला हिरणपुर प्रखंड के तराई पंचायत के खजूर दंगा गांव में बने सिंचाई कूप का है. यहां पर बना सिंचाई कूप का पैराफिट एक ही महीने में ध्वस्त हो गया है. यहां पर कुएं का निर्माण घटिया सामग्री से किया गया, जो कि इलाके में हुई हल्की बारिश के बाद ही ध्वस्त हो गया. 


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काम में बरती गई अनियमितता
दरअसल, पाकुड़ के हिरणपुर प्रखंड के तोड़ाई पंचायत के खजूरडांगा गांव में मनरेगा योजना के तहत सिंचाई कूप बनाया गया था. यह कूप इलाके में हल्की बारिश में ही खराब हो गया. जानकारी के मुताबिक साल 2021-22 में योजना कोड संख्या 7080902145926 है. सिंचाई कूप को साढ़े चार लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया था. ग्रामीणों के अनुसार पिछले दिनों हुई हल्की बारिश में कूप का पैराफिट बर्बाद हो गया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि काम में भारी अनियमितता बरती गई है. ग्रामीणों ने बताया कि काम के दौरान कूप निर्माण में बंगला भट्टा की ईंटों का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा इसे बनाने के लिए घटिया सामग्री का भी इस्तेमाल किया गया है. जिसके कारण कूप का पैराफिट हल्की बारिश भी झेल नहीं पाया. 


दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
ग्रामीणों ने बताया कि इसे एक महीने पहले तैयार किया गया था. जानकारी के अनुसार सिंचाई कूप ध्वस्त होने के बाद अधिकारियों ने आनन फानन में मरम्मत कार्य के लिए मिस्त्री और मजदूर लगा दिए हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर निर्माण के वक्त ही कार्य को सही ढंग से किया जाता तो इस तरह से कूप ध्वस्त नहीं होता. साथ ही सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है. वहीं बताया जा रहा कि सिंचाई कूप धंसने के पीछे अभियंता, पंचायत सचिव और रोजगार सेवक की लापरवाही मुख्य है. उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं. वहीं डीडीसी शाहिद अख्तर ने बताया कि मामले की जांच करायी जाएगी. सरकारी योजना में अनियमितता बरती गई है. इस मामले में दोषी पर कार्रवाई की जाएगी.


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