बोकारोः बोकारो स्टील सिटी के नाम से जाना जाता है. यहां कई फैक्ट्रियां हैं ओएनजीसी जैसी संस्थान भी हैं. यहां सीएसआर के तहत कई सारे फंड है जो करोड़ों में है, लेकिन खिलाड़ी खेल के प्रति जागरूक तो है लेकिन स्थिति इनके अनुकूल नहीं है. बोकारो के सेक्टर 12 स्थित एक बास्केटबॉल केंद्र ऐसा है जिसके पास जाने का रास्ता तक नहीं है. चारों ओर जंगल झाड़ उगे हुए हैं इसी बीच पशुओं का विचरण भी हो रहा है. यहां 50 से अधिक खिलाड़ी हर रोज प्रैक्टिस करते हैं. जिसमें नन्हे मुन्ने खिलाड़ी भी मौजूद हैं. यह बोकारो स्टील प्लांट के अधिग्रहण में है जहां बिना मास्क लाइट सहित खेलने के लिए बना मैदान भी टूटा हुआ है. जहां बास्केटबॉल की तैयारी यहां अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल के पूर्व खिलाड़ी और एक स्थानीय कोच के देखरेख में किया जाता है. खिलाड़ियों का कहना है कि बोकारो स्टील प्लांट प्रबंधन या जिला प्रशासन थोड़ा ध्यान दें तो निश्चय ही आगे बढ़ा जा सकता है.


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क्या कहते हैं बास्केटबॉल के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
पूर्व अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी और सह कोच अनूप मिंज ने बताया कि वह ओएनजीसी में कार्यरत है. उन्होंने कहा कि संसाधन का घोर अभाव है जहां वह समय-समय पर आकर खिलाड़ियों को बास्केटबॉल की सुविधा मुहैया कराते हैं. कोच का कहना है कि अगर बोकारो स्टील प्रबंधन या फिर जिला प्रशासन थोड़ा भी ध्यान दे दे. तो यहां चार दिवारी समेत फ्लैश लाइट की व्यवस्था हो जाएगी. कोच की मानें तो कई खिलाड़ी यहां से निकल चुके हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराए हैं, लेकिन संसाधन की कमी के चलते खिलाड़ी कुछ दूर जाते ही दम तोड़ देते हैं. 


खिलाड़ियों को समय पर नहीं मिल पा रही साधन सुविधा
खिलाड़ियों का कहना है कि जिस फर्श पर बास्केटबॉल खेला जा रहा है यह भी पूरी तरीके से टूटा हुआ है. चारदीवारी नहीं रहने के चलते पशुओं का चरागाह बन गया है. साथ ही जंगल झाड़ी होने से सांप बिच्छू का भी खतरा है. उन्होंने कहा कि मुख्य सड़क से लेकर इस खेल के मैदान तक आने जाने की व्यवस्था नहीं है. किसी प्रकार का सेट का व्यवस्था नहीं है कि पानी आने के चलते खिलाड़ी कहीं सरन ले सके. उन्होंने कहा कि अगर सुविधाएं मिल जाएगी तो राष्ट्रीय स्तर पर यहां से बास्केटबॉल के खिलाड़ी निकल सकते हैं. अभी खिलाड़ियों का ट्रायल भी चल रहा है.


क्या कहते है वरिष्ठ अधिकारी
बोकारो जिले के खेल पदाधिकारी मार्कस हेमरोम का कहना है कि जानकारी मिली है. ऐसे में बोकारो स्टील प्रबंधन समेत जिले के आला अधिकारियों से बात करके खिलाड़ियों के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी, ताकि बोकारो खेल के मामले में किसी भी मायने में कब ना रहे.


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