धनबाद: ADJ Uttam Anand Murder: जज उत्तम आनंद हत्याकांड में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. सीबीआई की विशेष अदालत ने दोनों नामजद आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा को दोषी करार दिया है. अब इस मामले में 6 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी.  


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हत्या के एक साल बाद मिला न्याय
ADJ उत्तम आनंद की पहली पुण्यतिथि पर उनकी हत्या के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. धनबाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने लखन वर्मा और राहुल वर्मा को आईपीसी की धारा 302 और 201 और 34 के तहत दोषी करार दिया है. लखन वर्मा और राहुल वर्मा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेशी हुई. जहां उन्हें दोषी करार दिया गया. 


'हर हत्या में मो‍टिव या इंटेशन होना जरूरी नहीं'
इस मामले में न्यायाधीश रजनीकांत पाठक ने फैसला सुनाते वक्त कहा कि हर हत्याकांड में कोई मो‍टिव या इंटेशन हो, यह जरूरी नहीं है. उ‍न्होंने कहा कि यदि अभियुक्त यह जानता है कि उसके कार्य से किसी की मौत हो सकती है, तो फिर इटेंशन की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि यह साफ है कि ऑटो से टक्कर मारी गई और ADJ उत्तम आनंद की मौत हुई. 


न्यायाधीश ने कहा कि रणधीर वर्मा चौक के सीसीटीवी फुटेज से साफ होता है कि ऑटो रिक्शा के सामने की सीट पर दो लोग बैठे थे. जज उत्तम आनंद को टक्कर मारने से पहले वह दो बार जजेस कॉलोनी की ओर गए थे और तीसरी बार 5 बजकर 8 मिनट 22 सेकंड पर ऑटो काफी तेजी से आती है, जिससे उत्तम आनंद को टक्कर लगी और उनकी मौत हो गई. 


न्यायाधीश रजनीकांत पाठक ने कहा कि धक्का लगने की वजह से उत्तम आनंद के सिर में गंभीर चोट लगी थी, जो उनकी मौत के कारण के लिए पर्याप्त थी, और इस बात की सभी डॉक्टर्स के बयान और फॉरेंसिक रिपोर्ट से भी पुष्टि हो चुकी है. साथ ही 3 चश्मदीद गवाहों ने ऑटो को जज को धक्का मारते देखा था.


'आरोपियों ने मिस लीड करने की कोशिश की'
इसके साथ ही न्यायाधीश रजनीकांत पाठक ने कहा कि इसे लेकर कोई विवाद नहीं है कि ऑटो लखन ही चला रहा था और राहुल उसके बगल में बैठा था. उन्होंने कहा कि अभियुक्तों ने अदालत को मिस लीड करने की कोशिश की, CBI को भी मिस लीड किया, अपना बयान बदलते रहे, कोर्ट में दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया. 


लखन ने अपने बयान में इस घटना को केवल एक दुर्घटना बताया, उसने कहा कि गाड़ी के नीचे कुछ आ गया था और गाड़ी घूम गई थी, लेकिन साक्ष्यों से ऐसा नहीं लगता कि गाड़ी के नीचे कुछ आया था, और गाड़ी एकाएक घूमी, अभियुक्तों ने दावा किया कि वह लोग नशे में थे, लेकिन वैज्ञानिक परीक्षण के बाद कहा कि वह नशे में नहीं थे. अदालत ने कहा कि यह साबित होता है कि दोनों ने जानबूझकर जज उत्तम आनंद की हत्या की. कोर्ट अब सजा की बिंदुओं पर 6 अगस्त को फैसला सुनाएगी. 


बचाव पक्ष फैसले को हाईकोर्ट में देगा चुनौती 
इधर, सीबीआई के विशेष अभियोजक अमित जिंदल ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि सजा के बिंदु पर सुनवाई के दिन वह अदालत से दोनों मुजरिमों को फांसी की सजा देने की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों ने देश की न्यायपालिका पर हमला किया है, जबकि बचाव पक्ष के वकील ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.


स्पीडी ट्रायल चलाकर पूरी की सुनवाई
गौरतलब है कि 28 जुलाई 2021 को एडीजे उत्तम आनंद की हत्या हुई थी. मॉर्निंग वॉक के दौरान करीब सुबह साढ़े पांच बजे एडीजे को शहर के रणधीर वर्मा चौक के पास ऑटो ने टक्कर मार दी थी. घटना की तस्वीर सीसीटीवी में कैद हो गयी थी. पहले तो इस मामले को सामान्य सड़क हादसा माना जा रहा था, लेकिन हादसे का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद मामला हत्या का बन गया. 


धनबाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर राहुल वर्मा और लखन वर्मा को गिरफ्तार कर ऑटो रिक्शा भी बरामद कर लिया. 29 जुलाई 2021 को धनबाद थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई. 5 अगस्त 2021 को सीबीआई क्राइम ब्रांच दिल्ली ने मामले का रजिस्ट्रेशन कर जांच शुरू की और फिर स्पीडी ट्रायल चलाकर मामले की सुनवाई पूरी की गई.


इनपुट: नितेश मिश्रा