धानबाद: झारखंड के धनबाद जिले के रहने वाले कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने चर्चित शो 'कौन बनेगा करोड़पति' (KBC) में अपनी बुद्धिमत्ता और धैर्य से 12.5 लाख रुपये का पुरस्कार जीता. मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखने वाले कौशलेंद्र की यह सफलता उनकी कड़ी मेहनत और विश्वास का नतीजा है.


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साइबर फ्रॉड समझकर किया था इनकार
कौशलेंद्र ने बताया कि जब पहली बार KBC की टीम से फोन आया और उनके चयन के बारे में बताया गया, तो उन्हें यकीन नहीं हुआ. उन्होंने इसे साइबर फ्रॉड समझकर नजरअंदाज कर दिया. लेकिन जब दोबारा कॉल आया और वीडियो कॉल पर इंटरव्यू लिया गया, तो उन्हें एहसास हुआ कि यह मौका सचमुच उनके लिए है. इसके बाद उन्हें मुंबई आने का निमंत्रण मिला, जो उनके लिए सपने के सच होने जैसा था.


10 हजार रुपये की सैलरी और बच्चों का सपना
कोयला क्षेत्र में लोडिंग सप्लायर के तौर पर काम करने वाले कौशलेंद्र को महज 10 हजार रुपये मासिक आय होती है, जिससे उनका परिवार चलता है. उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी, दो बच्चे और दो भाई हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान KBC खेलना उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया था. 4 साल तक लगातार इस खेल को खेलने के बाद आखिरकार उन्हें हॉट सीट पर बैठने का मौका मिला.


12.5 लाख रुपये बच्चों की पढ़ाई के लिए
बता दें कि जीते हुए 12.5 लाख रुपये को लेकर कौशलेंद्र का कहना है कि वह यह रकम अपने बच्चों की शिक्षा और उनके उज्जवल भविष्य में खर्च करेंगे. उनकी इस सोच ने दर्शकों के दिलों को छू लिया.


25 लाख का सवाल और खेल छोड़ने का फैसला
खेल के 13वें सवाल में अमिताभ बच्चन ने उनसे जमशेदजी टाटा द्वारा 1877 में स्थापित नागपुर के पहले कॉटन मिल का नाम पूछा. हालांकि, सही उत्तर 'एम्प्रेस मिल' था, लेकिन निश्चित न होने के कारण कौशलेंद्र ने खेल छोड़ने का फैसला किया. इस सवाल तक पहुंचना भी उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी.


श्रीराम से जुड़े सवाल ने दिलाई जीत
12.5 लाख रुपये का सवाल भगवान श्रीराम से संबंधित था. प्रश्न था कि श्रीराम को बला और अतिबला विद्या किस ऋषि ने सिखाई थी. शुरुआत में कौशलेंद्र ने ऋषि वशिष्ठ को चुना, लेकिन डबल डिप लाइफलाइन का उपयोग करके उन्होंने ऋषि विश्वामित्र को सही उत्तर के रूप में चुना और बड़ी रकम जीतने में कामयाब रहे.


मेहनत की मिसाल
कौशलेंद्र की यह कहानी दिखाती है कि मेहनत, लगन और अवसर को पहचानने की क्षमता इंसान को बड़ी उपलब्धियों तक पहुंचा सकती है. उनकी यह जीत प्रेरणा का स्रोत है.


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