कोडरमा: देश में बुलेट ट्रेन चलाने की पुरजोर तैयारी हो रही है और वंदे भारत के रूप में सेमी हाई स्पीड ट्रेन का परिचालन भी किया जा रहा है, लेकिन कोडरमा-गिरिडीह रेल लाइन पर डोमचांच में बंगाईकला और मंझलीटांड में ऐसा समपार फाटक है. जिसे पहले तो ट्रेन के ड्राइवर उतरकर बंद करते है, फिर ट्रेन फाटक पार करती है, फिर ट्रेन को रोककर पिछले डिब्बे में सवार गार्ड उतरकर फाटक के गेट को खोलते है. फिर ट्रेन अपने गंतव्य की ओर आगे बढ़ती है. शायद ही रेल के सुहाने सफर में यह नजारा आपको कहीं दिखे.


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इन दोनों समपार फाटक के एक तरफ कोडरमा टाउन स्टेशन है तो दूसरी तरफ महेशपुर स्टेशन. बंगाईकला में यह रेलवे लाइन डोमचांच और बंगाईकला जाने वाले मार्ग पर है. जबकि मंझलीटांड में यह रेल लाइन डोमचांच जयनगर मार्ग से होकर गुजरती है. फिलहाल कोडरमा-गिरिडीह रेल रूट पर प्रतिदिन तीन जोड़ी ट्रेन का परिचालन किया जाता है. 


जिसमें रांची न्यू गिरिडीह इंटरसिटी एक्सप्रेस के अलावे महेशमुंडा पैसेंजर ट्रेन और मधुपुर पैसेंजर ट्रेन शामिल है. तीनों ट्रेन के परिचालन के दौरान आगमन और प्रस्थान के वक्त मंझलीटांड और बंगाईकला में रेलवे फाटक को बंद करने और खोलने के दौरान यही प्रक्रिया अपनाई जाती है. दोनों रेलवे फाटक की दूरी भी महज आधे किलोमीटर है. ऐसे में इस लाइन से गुजरने वाली ट्रेन को रेलवे फाटक बंद करने और खोलने के लिए चार बार रोका जाता है और हर प्रक्रिया में तकरीबन 4 से 5 मिनट लगते हैं.


इन दोनों क्षेत्रों में रहने वाले लोग ट्रेन में सफर करने के लिए महेशपुर स्टेशन जाने के बजाए समपार फाटक से ही ट्रेन में सवार होते है और उतरते है. स्थानीय लोगों ने बताया कि महेशपुर स्टेशन इस रेलवे फाटक से तकरीबन 4 किलोमीटर दूर है. जहां जाने में काफी परेशानी होती है. इस रूट से गुजरने वाली तीनों ट्रेन फाटक के आगे और पीछे दो बार रूकती है. ऐसे में लोग अपनी सहूलियत के अनुसार यही से ट्रेन में सवार हो जाते हैं.
इनपुट-गजेंद्र सिन्हा


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