कोडरमा:JharKhand News: 4G मोबाइल से 5G और 6G की ओर आगे बढ़ते के इस दौर में अगर हम यह कहें कि मेरे गांव में नेटवर्क नहीं है तो लोग मजाक उड़ाएंगे. लेकिन, यह बात कोडरमा के बंगाखलार पंचायत के उन ग्रामीणों के लिए पूरी तरह से सच है, जो एक अदद इनकमिंग कॉल के लिए तरस जाते हैं. डिजिटल के इस दौर में जहां हर हाथ में मोबाइल है और एक क्लिक करते ही मोबाइल के जरिए हम देश दुनिया से जुड़ जाते हैं. वहीं कोडरमा के डोमचांच प्रखंड के बंगाखलार में रहने वाले एक इनकमिंग कॉल के लिए भी तरसते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पेड़ पर टांग कर रखते हैं मोबाइल 
दरअसल इस गांव में किसी भी मोबाइल कंपनी का नेटवर्क नहीं पकड़ता है.कोडरमा के डोमचांच प्रखंड के बंगाखंलार पंचायत का यह गांव पूरी तरह से जंगल और पहाड़ों से घिरा पड़ा है. यहां के लोगों को अगर मोबाइल पर बात करनी होती है तो वे लोग या तो पेड़ पर चढ़ते हैं या फिर पहाड़ पर जाकर बात करते हैं. यहां के लोग अपने मोबाइल को भी घर की छत पर पर या पेड़ पर टांग कर रखते हैं ताकि, नेटवर्क पकड़े और इनके मोबाइल पर जरूरत के कॉल आ सके, लेकिन ऐसा भी कभी-कभी ही हो पाता है. मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की बेबसी इन ग्रामीणों को तब ज्यादा हो जाती है जब या तो गांव में कोई बीमार पड़ जाता है.


ये भी पढ़ें- झारखंड में सियासी हलचल तेज, CM हेमंत सोरेन से मिलें दीपांकर भट्टाचार्य


जंगल और पहाड़ों से घिरा है गांव
बंगाखलार पंचायत में एक प्रज्ञा केंद्र भी है लेकिन नेटवर्क नहीं रहने के कारण प्रज्ञा केंद्र अक्सर बंद ही रहता है. प्रज्ञा केंद्र अगर खुलता भी तो नेटवर्क नहीं रहने के कारण सरकारी योजनाओं से जुड़े कामकाज नहीं हो पाते हैं. प्रज्ञा केंद्र के संचालक गांव में ऊंचे स्थान पर जाकर मोबाइल पर ही फाइल डाउनलोड करते हैं और उसके बाद प्रज्ञा केंद्र में आकर लोगों को उसका प्रिंट आउट देते हैं. ऐसी स्थिति हर दिन बनी रहती है. 4G मोबाइल नेटवर्क से अब हम 5G और 6G की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन इस बढ़ते कदम में बंगाखलार पंचायत के लोगों को 2G नेटवर्क भी मुहैया नहीं हो पा रहा है.