धनबाद:Jharkhand News:  कोयलांचल में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग तरह-तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. झरिया की लगभग चार लाख की आबादी प्रदूषण की चपेट में है. यहां रहने वाले सैकड़ों लोग लंग्स कैंसर से पीड़ित हैं. लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है. शहर के पेड़-पौधों पर भी भारी मात्रा में धूल जमी रहती है. शुद्ध हवा भी लोगों के लिए दुर्लभ हो गई है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने यूथ कॉन्सेप्ट सामाजिक संस्था के बैनर तले धनबाद-झरिया मुख्य मार्ग पर स्थित पुराने आरएसपी कॉलेज के समीप कोयलांचल में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. लोगों ने सड़क पर जमे धूल पर पौधा लगाकर बीसीसीएल एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया. 


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टाटा से लेनी चाहिए सीख 
कार्यक्रम मे मौजूद लोगों ने सड़क पर जमे धूल को इकट्ठा करके डिवाइडर के समीप जमा कर दिया और धूल में ही पौधा लगाया. विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि राजापुर परियोजना से कोयला लेकर निकलने वाले हाइवा अपने साथ टायरों में कोल डस्ट लेकर आती है. जिस कारण बरसात के समय में सड़क पर पर डस्ट का कीचड़ जमा हो जाता है. जिसके चलते इस सड़क से गुजरने वाले मोटरसाइकिल सवार दुर्घटनाग्रस्त हो कर घायल होते रहते हैं. लोगों का कहना है कि अगर जल्द प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो तो आने वाली पीढ़ी बचपन से ही बीमारियों के आगोश में होंगी. पर्यावरण दिवस पर पदाधिकारी जो वादे करते हैं, अगर वो 10% भी धरातल पर नजर आए तो पर्यावरण में काफी सुधार आ सकता है. लोगों ने कहा बीसीसीएल को टाटा से सीख लेनी चाहिए. टाटा कोलियरी प्रबंधन पर्यावरण को ध्यान में रख कर खनन का काम कर रहा है.  इसके अलावा लोगों ने कहा कि प्रदूषण से प्रत्येक व्यक्ति की उम्र 10 से 15 वर्ष कम हो रही है। 


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जनप्रतिनिधियों को आगे आने की जरूरत
यूथ कॉन्सेप्ट के पदाधिकारी अखलाक ने कहा कि वह अपनी संस्था की ओर से लोगों को समय-समय पर जागरूक करते रहते हैं. इसके लिए वो कार्यक्रम करते रहते हैं, ताकि झरिया पर प्रदूषण के मामले में नम्बर वन का लगा धब्बा धुल जाए. उन्होंने कहा कि निगम और बीसीसीएल के अधिकारी प्रदूषण रोकथाम के लिए जो वादे करते हैं, उसे धरातल पर उतारें. जनप्रतिनिधियों को भी आगे आने की जरूरत है, अन्यथा स्थिति किसी दिन और भयावह हो जाएगी.